Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी
इकारान्त स्त्रीलिंग - मइ (मति) . . एकवचन
बहुवचन मइ, "मई
मइ, मई, मइड, मईउ, मइओ, मईओ मइ, 'मई
मइ, 'मई, मइउ, मईउ, मइओ, 'मईओ मइए, 'मईए
मइहिं, 'मईहिं मइ, 'मई
मइ, 'मई मइहे, 'मईहे
मइहु, मईहु
षष्ठी
पंचमी मइहे, 'मईहे सप्तमी मइहिं, 'मईहिं सम्बोधन हे मइ, हे 'मई
मइहु, 'मईहु मइहिं, मईहिं, हे मइ, हे 'मई, हे मइड, हे “मईउ हे मइओ, हे मईओ, हे मइहो, हे “मईहो
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ईकारान्त स्त्रीलिंग - लच्छी (लक्ष्मी) एकवचन
बहुवचन प्रथमा लच्छी, 'लच्छि
लच्छी, लच्छि, लच्छीउ, 'लच्छिउ,
लच्छीओ, 'लच्छिओ द्वितीया लच्छी, 'लच्छि
लच्छी, लच्छि, लच्छीउ, 'लच्छिउ,
लच्छीओ, 'लच्छिओ तृतीया लच्छीए, 'लच्छिए
लच्छीहिं, लच्छिहिं चतुर्थी लच्छी, लच्छि
लच्छी, 'लच्छि व षष्ठी लच्छीहे, 'लच्छिहे
लच्छीहु, लच्छिहु पंचमी लच्छीहे, 'लच्छिहे
लच्छीहु, लच्छिहु सप्तमी लच्छीहिं, लच्छिहिं लच्छीहि, लच्छिहिं सम्बोधन हे लच्छी, हे लच्छि हे लच्छी, हे लच्छि, हे लच्छीउ,
हे लच्छिउ, हे लच्छीओ, हे लच्छिओ हे लच्छीहो, हे 'लच्छिहो
(92)
- अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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