Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 136
________________ संदर्भ ग्रन्थ __ 1. 2. 3. अपभ्रंश भाषा का अध्ययन हेमचन्द्र प्राकृत व्याकरण, भाग 1-2 : व्याख्याता श्री प्यारचन्द जी महाराज (श्री जैन दिवाकर-दिव्य ज्योति कार्यालय, मेवाड़ी बाजार, ब्यावर) अपभ्रंश-हिन्दी कोश, भाग 1-2 : डॉ. नरेश कुमार (इण्डो विजन प्रा. लि. II A 220, नेहरू नगर, गाजियाबाद) पाइय-सद्द-महण्णवो : पं. हरगोविन्ददास त्रिविक्रमचन्द्र सेठ (प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी) : वीरेन्द्र श्रीवास्तव (एस. चन्द एण्ड कम्पनी प्रा. लि., रामनगर, नई दिल्ली) प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ, भाग-1 : डॉ. कमलचन्द सोगाणी (अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर) प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश-रचना सौरभ,भाग-2 : डॉ. कमलचन्द सोगाणी (अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर) अपभ्रंश रचना सौरभ : डॉ. कमलचन्द सोगाणी (द्वितीय संस्करण) (अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर) प्राकृत रचना सौरभ : डॉ. कमलचन्द सोगाणी (द्वितीय संस्करण) (अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर) 5. अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण (121) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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