Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 105
________________ अकारान्त नपुंसकलिंग - कमल (कमल का फूल ) एकवचन बहुवचन प्रथमा कमल, कमला, कमलु कमल, "कमला, कमलई, "कमलाई द्वितीया कमल, कमला, कमलु कमल, "कमला, कमलई, कमलाई कमलहिं, "कमलाहिं, कमलेहिं तृतीया कमलेण, कमलेणं, कमलें चतुर्थी कमल, कमला व षष्ठी पंचमी सप्तमी सम्बोधन प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी सम्बोधन (90) कमलसु, कमलासु, कमलहो, 'कमलाहो, कमलहे, "कमलाहे, हु, कमल, कम हे कमल, कमलस्सु हे "कमला, हे कमलु, Jain Education International एकवचन वारि, "वारी वारि, "वारी वारिएं, "वारीएं, वारिं, "वारीं वारिण, "वारीण, वारिणं, "वारीणं वारि, वारी वारिहे, "वारीहे वारिहि, वाह हे वारि, हे "वारी कमल, कमला कमलहं, "कमलाहं कमलहु, "काहुँ कमलहिं, "कमलाहिं हे कमल, हे 'कमला, इकारान्त नपुंसकलिंग - वारि (जल) बहुवचन वारि, "वारी, वारिइं, "वारीइं वारि, "वारी, वारिइं, "वारीइं वारिहिं, वारीहिं कमलहो, हे 'कमलाहो वारि, वा वारिहूं, "वारीहुं वारिहं, "वारीहं वारिहूं, "वारीहं वारिहिं, "वारीहिं, वारिहुं, "वारीहूं हे वारि, हे "वारी, हे वारिहो, हे "वारीहो अपभ्रंश - हिन्दी-व्याकरण For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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