Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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प्रथमा
द्वितीया
तृतीया
चतुर्थी
षष्ठी
पंचमी
सप्तमी
परिशिष्ट-2 सर्वनाम शब्दों की रूपावली
पुल्लिंग - सव्व (सब) एकवचन
बहुवचन सव्व, 'सव्वा, सव्वु, सव्वो
सव्व, “सव्वा (सब, सबने)
(सबने) सव्व, 'सव्वा, सव्वु
सव्व, सव्वा (सबको)
(सबको) सव्वें, सव्वेण, सव्वेणं
सव्वहिं, सव्वाहिं, सव्वेहि (सबसे, सबके द्वारा)
(सबसे, सबके द्वारा) .. सव्व, 'सव्वा
सव्व, सव्वा सव्वसु, 'सव्वासु,
सव्वहं, सव्वाहं सव्वहो, 'सव्वाहो, सव्वस्सु
(सबके लिए) (सबके लिए)
(सबका, सबकी, सबके). (सबका, सबकी, सबके) सव्वहां, सव्वाहां
सव्वहुं, 'सव्वाई (सबसे)
(सबसे) सव्वहिं, सव्वाहिं
सव्वहिं, सव्वाहिं (सबमें, सब पर)
(सबमें, सब पर) नपुंसकलिंग - सव्व (सब) एकवचन
बहुवचन सव्व, “सव्वा, सव्वु
सव्व, सव्वा, सव्वई, (सबने)
'सव्वाइं (सब, सबने) सव्व, सव्वा, सव्वु
सव्व, “सव्वा, सव्वई, (सबको)
'सव्वाइं (सबको) सव्वें, सव्वेण, सव्वेणं
सव्वहिं, सव्वाहिं, सव्वेहि (सबसे, सबके द्वारा)
(सबसे, सबके द्वारा) सव्व, सव्वा
सव्व, 'सव्वा सव्वसु, सव्वासु,
सव्वहं, “सव्वाह सव्वहो, सव्वाहो, सव्वस्सु
(सबके लिए) (सबके लिए)
(सबका, सबकी, सबके) (सबका, सबकी, सबके) सव्वहां, सव्वाहां
सव्वहुं, 'सव्वाहुं (सबसे)
(सबसे) सव्वहिं, 'सव्वाहिं
सव्वहिं, सव्वाहिं (सबमें, सब पर)
(सबमें, सब पर) अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
प्रथमा
द्वितीया
तृतीया
चतुर्थी
व
षष्ठी
पंचमी
सप्तमी
(94)
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