Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 127
________________ अकारान्त क्रिया (प्रत्यय) बहुवचन एकवचन उत्तम पुरुष ई. मध्यम पुरुष ईअ अन्य पुरुष ईअ भूतकाल आकारान्त क्रिया (ठा) एकवचन उत्तम पुरुष ठासी, ठाही, ठाही. मध्यम पुरुष ठासी, ठाही, ठाही. अन्य पुरुष ठासी, ठाही, ठाही. बहुवचन ठासी, ठाही, ठाही. ठासी, ठाही, ठाही ठासी, ठाही, ठाहीअ भूतकाल ओकारान्त क्रिया (हो) एकवचन उत्तम पुरुष होसी, होही, होहीअ मध्यम पुरुष होसी, होही, होहीअ अन्य पुरुष होसी, होही, होहीअ बहुवचन होसी, होही, होहीअ होसी, होही, होहीअ होसी, होही, होहीअ आकारान्त, ओकारान्त क्रिया (प्रत्यय) एकवचन बहुवचन उत्तम पुरुष सी, ही, ही सी, ही, ही मध्यम पुरुष सी, ही, हीअ सी, ही, ही अन्य पुरुष सी, ही, ही सी, ही, हीअ (112) अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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