Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 132
________________ प्रथमा परिशिष्ट-4 संख्यावाची शब्द रूप संख्यावाची ‘एक्क' शब्द के रूप केवल एकवचन पुल्लिंग में पुल्लिंग ‘सव्व' के अनुसार , नपुंसकलिंग में नपुंसकलिंग ‘सव्व' के अनुसार तथा स्त्रीलिंग में सव्वा' के अनुसार होते हैं। एक्क (एक) पुल्लिंग एक. नपुंसकलिंग एक. स्त्रीलिंग एक. एक्क, "एक्का, एक्क, “एक्का, एक्कु ___ एक्का, “एक्क एक्कु, एक्को एक्क, “एक्का, एक्कु एक्क, “एक्का, एक्कु एक्का, “एक्क एक्केण, एक्केणं, एक्के एक्केण, एक्केणं, एक्कें एक्काए, एक्कए एक्क, ‘एक्का एक्क, एक्का एक्का, एक्क एक्कासु, “एक्कसु एक्कासु, “एक्कसु एक्काहे, एक्कहे एक्कहो, एक्काहो एक्कहो, एक्काहो एक्कस्सु एक्कस्सु एक्कहां, ‘एक्काहां एक्कहां, 'एक्काहां एक्काहे, एक्कहे एक्कहिं, 'एक्काहिं एक्कहिं, 'एक्काहिं एक्काहिं, एक्कहि द्वितीया तृतीया चतुर्थी षष्ठी पंचमी सप्तमी अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण (117) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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