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(ख) (हस+हि+इत्था) = हसिहित्था/हसेहित्था =
(तुम दोनों/तुम सब) हँसोगे/हँसोगी। (भ.मपु.एक.) (ठा+हि+इत्था)=ठाहित्था=(तुम दोनों/तुम सब) ठहरोगे/ठहरोगी। (भ.म.पु.बहु.)
(हो+हि+इत्था) होहित्था (तुम दोनों/तुम सब) होवोगे/होवोगी। (भ.म.पु.बहु.) (ग) (हस+हि+ध)= हसिहिध/हसेहिध= (तुम दोनों/तुम सब) हँसोगे/हँसोगी।
(भ.म.पु.बहु) . (ठा+हि+ध) = ठाहिध = (तुम दोनों/तुम सब) ठहरोगे/ठहरोगी। (भ.म.पु.बहु.) (हो+हि+ध) = होहिध = (तुम दोनों/तुम सब) होवोगे/होवोगी। (भ.म.पु.बहु.)
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अन्य पुरुष एकवचन 3/1 13. अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं
में भविष्यत्काल के अर्थ में विकल्प से 'स' प्रत्यय जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात् वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन के 'इ, ए, दि और दे' प्रत्यय जोड़ दिये जाते हैं और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। . आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में केवल 'इ और दि' प्रत्यय ही क्रियाओं में जोड़े जाते हैं 'ए और दें' प्रत्यय नहीं। जैसे(हस+स+इ) = हसिसइ/हसेसइ = (वह) हँसेगा /हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+स+ए) = हसिसए/हसेसए = (वह) हँसेगा /हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+स+दि) = हसिसदि/हसेसदि = (वह) हँसेगा /हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हस+स+दे) = हसिसदे/हसेसदे = (वह) हँसेगा /हँसेगी। (भ.अ.पु.एक.) (ठा+स+इ) = ठासइ = (वह) ठहरेगा/ठहरेगी। (भ.अ.पु.एक.) (ठा+स+दि) = ठासदि = (वह) ठहरेगा/ठहरेगी। (भ.अ.पु.एक.) (हो+स+इ) = होसइ = (वह) होवेगा/होवेगी। (भ.अ.पु.एक.)
(हो+स+दि) = होसदि = (वह) होवेगा/होवेगी। (भ.अ.पु.एक.) (50)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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