Book Title: Apbhramsa Hindi Vyakaran
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 98
________________ 1. 2. 3. 4. 5. अपभ्रंश भाषा में 'करता हूँ' (उत्तम पुरुष एकवचन ) अर्थ में विकल्प से 'कीसु' क्रिया का प्रयोग होता है। जैसे - कीसु = मैं करता हूँ। विविध अपभ्रंश भाषा में 'छोलना' अर्थ में 'छोल्ल' क्रिया - रूप का प्रयोग होता है। जैसे छोल्ल (सकर्मक) = छोलना अपभ्रंश भाषा में 'परस्पर' के लिए 'अवरोप्पर' पद का प्रयोग किया जाता है। जैसे अवरोप्पर = परस्पर अपभ्रंश भाषा में 'अन्य के समान', तथा 'दूसरे के समान' के लिए निम्न पदों का प्रयोग किया जाता है। जैसे अन्नाइस (विशेषण) / अवराइस (विशेषण) = अन्य के समान / दूसरे के समान अपभ्रंश भाषा में भाववाचक अर्थ में 'प्पण' और 'तण' प्रत्यय प्रयुक्त होता है। जैसे Jain Education International (भल्ल+प्पण) = भल्लप्पण (भद्रता / सज्जनता ) (भल्ल+त्तण) = भल्लत्तण (भद्रता / सज्जनता ) अपभ्रंश - हिन्दी-व्याकरण For Personal & Private Use Only (83) www.jainelibrary.org

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