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द्वितीया विभक्ति बहुवचन - चत्तारो, चउरो, चत्तारि चतुर्थी व षष्ठी विभक्ति बहुवचन - चउण्ह, चउण्हं
अपभ्रंश भाषा में प्राकृत भाषा के अनुसार पाँच के लिए पंच' का प्रयोग किया जाता है। चतुर्थी व षष्ठी विभक्ति बहुवचन - पंचण्ह, पंचण्हं
नोट(i) संख्यावाची शब्दों के रूपावली विधान आदि को 'प्रौढ अपभ्रंश
रचना सौरभ भाग-1' के पाठ 6, 7, 8 में समझाया गया है। (ii) अपभ्रंश भाषा में शब्द-रचना-प्रवृत्ति कहीं-कहीं प्राकृत भाषा के
अनुसार होती है और कहीं-कहीं पर शौरसेनी भाषा के समान भी होती
1.
हेमचन्द्र वृत्ति 4/329
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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