________________
मध्यम पुरुष एकवचन 2/1 17. अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं
के विधि एवं आज्ञा के मध्यम पुरुष एकवचन में विकल्प से 'इ, उ
और ए' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। जैसे(क) (हस+इ) = हसि = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक.)
(ठा+इ) = ठाइ = (तुम) ठहरो। (वि.म.पु.एक.)
(हो+इ) = होइ = (तुम) होवो। (वि.म.पु.एक.) (ख) (हस+उ) = हसु = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक.)
(ठा+उ) = ठाउ = (तुम) ठहरो। (वि.म.पु.एक.)
(हो+उ) = होउ = (तुम) होवो। (वि.म.पु.एक.) (ग) (हस+ए) = हसे = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक.)
(ठा+ए) = ठाए = (तुम) ठहरो। (वि.म.पु.एक.) (हो+ए) = होए = (तुम) होवो। (वि.म.पु.एक.) इसके अतिरिक्त प्राकृत भाषा के अनुसार अकारान्त क्रियाओं में 'हि, सु और शून्य (0)' प्रत्यय भी लगते हैं। प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+हि) = हसहि/हसेहि = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक.) (हस+सु) = हससु/हसेसु = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक.) (हस+0) = हस = (तुम) हँसो। (वि.म.पु.एक) आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में केवल 'हि और सु'
प्रत्यय ही लगते हैं 'शून्य (0)' प्रत्यय नहीं लगता। जैसे(ख) (ठा+हि) = ठाहि = (तुम) ठहरो। (वि.म.पु.एक.)
(हो+हि) = होहि = (तुम) होवो। (वि.म.पु.एक.)
(54)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org