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(ख) (हस+दु) = हसदु/हसेदु = (वह) हँसे। (वि.अ.पु.एक.)
(ठा+दु) = ठादु = (वह) ठहरे। (वि.अ.पु.एक.) (हो+दु) = होदु = (वह) होवे। (वि.अ.पु.एक.)
. अन्य पुरुष बहुवचन 3/2 20. अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं
के विधि एवं आज्ञा के अन्य पुरुष बहुवचन में प्राकृत भाषा के अनुसार 'न्तु' प्रत्यय क्रिया में लगता है। 'न्तु' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है। प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है। जैसे(हस+न्तु) = हसन्तु/हसेन्तु = (वे दोनों/वे सब) हँसें। (वि.अ.पु.बहु.) (ठा+न्तु) = ठान्तु- ठन्तु = (वे दोनों/वे सब) ठहरें। (वि.अ.पु.बहु.)
(हो+न्तु) = होन्तु = (वे दोनों/वे सब)होवें। (वि.अ.पु.बहु.) --------------
------------- नोट- अपभ्रंश भाषा में शब्द-रचना-प्रवृत्ति कहीं-कहीं प्राकृत भाषा' के
अनुसार होती है और कहीं-कहीं पर शौरसेनी भाषा के समान भी होती
1.
हेमचन्द्र वृत्ति 4/329
(56)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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