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6.
(क)
(ख)
(42)
( हस+दे) = हसदे = ( वह) हँसता है / हँसती है। (व.अ.पु. एक.)
(ठा+इ)
= ठाइ = (वह) ठहरता है / ठहरती है । (व.अ.पु. एक.)
(ठा+दि) = ठादि = ( वह) ठहरता है/ठहरती है। (व.अ.पु.एक.) (हो+इ) होइ = (वह) होता है / होती है। (व.अ.पु. एक.)
=
(हो+दि) = होदि = (वह) होता है/होती है। (व.अ.पु.एक.)
अन्य पुरुष बहुवचन 3/2
अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन में विकल्प से 'हिं' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। जैसे
(हस + हिं) = हसहिं = (वे दोनों / वे सब ) हँसते हैं / हँसती हैं। (व.अ.पु.बहु.) (ठा+हिं) = ठाहिं (वे दोनों / वे सब ) ठहरते हैं/ठहरती हैं। (व.अ.पु.बहु.) (हो+हिं) = होहिं (वे दोनों / वे सब ) होते हैं/होती हैं। (व.अ.पु.बहु.) इसके अतिरिक्त वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन में प्राकृत भाष के अनुसार 'न्ति, न्ते और इरे' प्रत्यय भी उपर्युक्त क्रियाओं में लगते हैं। प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है। जैसे
( हस+न्ति) = हसन्ति = (वे दोनों/वे सब हँसते हैं/हँसती हैं। (व.अ.पु.बहु.) (ठा+न्ति)=ठान्ति→ठन्ति= (वे दोनों / वे सब ) ठहरते हैं/ठहरती हैं। (व.अ.पु.बहु.) (हो+न्ति) = होन्ति = (वे दोनों/वे सब) होते हैं/होती हैं। (व.अ.पु.बहु.) ( हस + न्ते) = हसन्ते = (वे दोनों / वे सब ) हँसते हैं/ हँसती हैं। (व.अ.पु.बहु.) (ठा+न्ते) = ठान्ते ठन्ते = (वे दोनों / वे सब ) ठहरते हैं/ठहरती हैं। (व.अ.पु.बहु.) ( हो+न्ते) = होन्ते = (वे दोनों / वे सब ) होते हैं/होती हैं। (व.अ.पु.बहु.)
अपभ्रंश - हिन्दी-व्याकरण
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