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(ii)
अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, इकारान्त और उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन बहुवचन में 'हो' प्रत्यय जोड़ा जाता है। संबोधन के अन्य रूप प्रथमा विभक्ति एकवचन और बहुवचन के अनुरूप होंगे जिन्हें परिशिष्ट-1 से समझा जा सकता है। जैसे
संबोधन बहुवचन (नपुं.) 8/2 कमल (नपं (कमलर हो = कमलहो (संबोधून गुन्द्र) वारि (नपुं.)(वारि+हो) = वारिहो (संबोधन बहुवचन) महु (नपुं.) (महु+हो) = महुहो (संबोधन बहुवचन)
अपभ्रंश भाषा में आकारान्त, इ-ईकारान्त और उ-ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के संबोधन बहुवचन में 'हो' प्रत्यय जोड़ा जाता है। संबोधन के अन्य रूप प्रथमा विभक्ति एकवचन और बहुवचन के अनुरूप होंगे जिन्हें परिशिष्ट-1 से समझा जा सकता है। जैसे
संबोधन बहुवचन (स्त्री.)8/2 कहा (स्त्री.)(कहा+हो) = कहाहो (संबोधन बहुवचन) मइ (स्त्री.) (मइ+हो) = मइहो (संबोधन बहुवचन) लच्छी (स्त्री.)(लच्छी+हो) = लच्छीहो (संबोधन बहुवचन) धेणु (स्त्री.)(धेणु+हो) = घेणुहो (संबोधन बहुवचन) बहू (स्त्री.) (बहू+हो) = बहूहो (संबोधन बहुवचन)
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अकारान्त, इ-ईकारान्त, उ-ऊकारान्त (पु.) (क) तृतीया बहुवचन 3/2 (ख) सप्तमी बहुवचन 7/2 16.(i) अपभ्रंश भाषा में अकारान्त, इ-ईकारान्त और उ-ऊकारान्त पुल्लिंग
संज्ञा शब्दों के तृतीया विभक्ति बहुवचन तथा सप्तमी विभक्ति बहुवचन में 'हिं' प्रत्यय जोड़ा जाता है। जैसे
(14)
अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण
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