Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02 Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५९ जघन्य संख्येयक का निरूपण ६० नव प्रकार के संख्येयक का निरूपण ६१ आठ प्रकार के अनन्तक का निरूपण ६२ भावसंख्या प्रमाण का निरूपण ६३ वक्तव्यता द्वार का निरूपण ६४ अर्थाधिकार द्वार का निरूपण ६५ समवतार द्वार का निरूपण ६६ क्षेत्रममवतार आदि का निरूपण ६७ निक्षेपद्वार का निरूपण ६८ अक्षीण का निरूपण ६९ आयनिक्षेत्र का निरूपण ७० क्षपणा का निरूपण ७१ नाम निष्पन्न का निरूपण ७२ सूत्रालापक निष्पन्न का निरूपण ७३ अनुगम नाम अनुयोगद्वार का निरूपण ७४ सूत्रस्पर्शक नियुक्त्यनुगम का निरूपण ७५ नय के स्वरूप का निरूपण । ७६ शास्त्र प्रशस्ति ॥ समाप्त॥ ६४८-६६२ ६६२-६७५ ६७६-६८४ ६८५-६८७ ६८७-७०२ ७०३-७०४ ७०४-७१३ ७१४-७३१ ७३१-७४० ७४१-७४९ ७४९-७५४ ७५४-७५७ ७५८-७७० ७७०-७७३ ७७४-८५९ ८५९-८७१ ८७१-९१० ९११-९१२ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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