Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २८ समय आरलिका आदि का निरूपण २४७-२५४ २९ पल्योपम आदि काल के औपमिक प्रमाण आदि का निरूपण २५४-२७३ ३० अद्धापल्योपम काल का निरूपण २७३-२८२ ३१ नैरयिकों के आयुपरिमाण का निरूपण २८२-२८९ ३२ असुरकुमार आदि के आयु और स्थिति का निरूपण २९०-३५२ ३३ क्षेत्रएल्योपम का निरूपण ३५२-३६५ ३४ द्रव्य की संख्या का निरूपण ३६६-३७४ ३५ औदारिक आदि शरीरों का निरूपण ३७४-३८२ ३६ औदारिक आदि शरीरों की संख्या का निरूपण ३८२-३९३ ३७ ओघते वैक्रिय आदि शरीरों की संख्या का निरूपण ३९४-४०८ ३८ नारक आदि के औदारिक आदि शरीरों का निरूपण ४०८-४२३ ३९ पृथ्वीकाय आदि के औदारिक आदि शरीर आदि का निरूपण ४२४-४३७ ४० द्वीन्द्रिय आदि के औदारिक आदि शरीर का निरूपण ४३७-४५० ४१ मनुष्यों के औदारिक आदि शरीर वगैरह का निरूपण ४५०-४६६ ४२ व्यन्तर आदि के औदारिक आदि शरीरादि का निरूपण ४६६-४८० ४३ भावप्रमाण का निरूपण ४८०-४८२ ४४ गुणप्रमाण का निरूपण ४८२-४८७ ४५ जीवगुणप्रमाण का निरूपण ४८८-४९३ ४६ अनुमानप्रमाण का निरूपण ४९३-५१४ ४७ दृष्टसाधर्म्यवदनुमानपमाण का निरूपण ५१४-५२७ ४८ उपमानप्रमाण का निरूपण ५२७-५३८ ४९ आगम प्रमाण का निरूपण ५३८-५४६ ५० दर्शनगुणपमाण का निरूपण ५४६-५५२ ५१ चारित्रगुण प्रमाण का निरूपण ५५२-५६२ ५२ प्रस्थक के दृष्टान से नय के प्रमाग का निरूपण ५६२-५७५ ५३ वसति के दृष्टान्त से नय के प्रमाण का निरूपण ५७५-५८८ ५४ प्रदेश के दृष्टान्त से नय के प्रमाण का निरूपण ५८८-६१० ५५ संख्याममाण का निरूपण ६१०-६२६ ५६ औपम्प संख्या का निरूपण ६२६-६३५ ५७ परिमाण संख्या का निरूपण ६३५-६४२ ५८ गणना संख्या का निरूपण ६४२-६४७ For Private And Personal Use Only

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