Book Title: Anusandhan Swarup evam Pravidhi Author(s): Ramgopal Sharma Publisher: Rajasthan Hindi Granth Academy View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (iv) पुस्तक को कुल मिलाकर 18 अध्यायों में लिखा गया है। पहले चार अध्यायों में अनुसंधान की परिभाषा, उद्देश्य, उपयोगिता, प्रकार एवं प्रविधियाँ आदि पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। इसके बाद विभिन्न अध्यायों में क्रमानुसार दर्शनशास्त्र, ललितकलाओं में अनुसंधान, भाषिकी अनुसंधान, साहित्यिक अनुसंधान एवं समालोचना, पाण्डुलिपिसम्पादन अनुसंधान और मानव-मूल्य, शोध-प्रबंध-लेखन आदि पर पूर्ण प्रकाश डाला गया है। अतः पुस्तक समस्त अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। अकादमी लेखक डॉ. रामगोपाल शर्मा 'दिनेश' के प्रति आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने इस पुस्तक को लिखकर, विषय में एक अभाव की पूर्ति की है। ललित किशोर चतुर्वेदी उच्च शिक्षामंत्री, राजस्थान सरकार एवं अध्यक्ष, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी जयपुर डॉ. वेद प्रकाश निदेशक राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी जयपुर For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 115