Book Title: Antim Tirthankar Ahimsa Pravartak Sargnav Bhagwan Mahavir Sankshipta
Author(s): Gulabchand Vaidmutha
Publisher: Gulabchand Vaidmutha

View full book text
Previous | Next

Page 5
________________ को निवेदन भगवान महावीरका जीवनचरित्र लिवना कोई सरल काम नहीं है । इस विषयका जितना अध्ययन किया जाता है वह उतना ही गम्भीर और अव्यक्त प्रतीत होता जाता है। भगवान महावीरके जीवनकी सविस्तर घटनाएं व उनके ज्ञानपूर्ण उपदेशों की चर्चाएं बहुत ही आकर्षक और प्रात्मप्रबोधक भिन्नभिन्न सूत्र और शास्त्रोंमें उपलब्ध हैं, जिनमें कल्पसूत्र, आचारांग सूत्र, आवश्यक सूत्र एवं दिगम्बर अाम्नाओं के त्रिलोक सारादि शास्त्र व भगवान के समकालीन बौद्ध शिलालेख मुख्य हैं । यद्यपि भगवान महावीरके जीवनकी ज्ञानयुक्त और युक्तिपूर्ण रचनाएं विरलतासे पाई जाती हैं, पर वे ऐसी विचित्र, भावगर्मित, गहन और विवेकपूर्ण हैं कि उनपर एक-एक उपयोगी विशाल ग्रन्थ की स्वतन्त्र रचना हो सकती है । अगाध ज्ञान भण्डार एवं श्रात्मकल्याणके अतिरिक्त लौकिक संसार-शांति-स्थापक सामग्री यदि कहीं उपलब्ध है तो वह केवल भगवान महावीरके जीवनसे ही प्राप्त हो सकती है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 144