Book Title: Agam Suttani Satikam Part 10 Pragnapana
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 210
________________ पदं-५, उद्देशकः-, द्वारं २०७ संखिजइभागहीणे वा संखिजगुणहीणे वा असंखिजगुणहीणे वा अनंतगुणहीणे वा अह अब्भहिए अनंतभागअब्भहिए वाअसंखिजइभागअब्भहिए वासंखिजभागअब्भहिएवा संखिजगुणअमहिए वा असंखिज्जगुणअब्भहिए वा अनंतगुणमब्भहिए वा एवं अवसेसवन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए, फासाणं सीयउसिणनिद्धलुक्खेहिं छट्टाणवडिए, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-परमाणुपोग्गलाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता । दुपएसियाणं पुच्छा गोयमा ! अनंता पज्जवा पनत्ता?, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! दुपएसिए दुपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए तुल्ले ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए जइ हीणे पएसहीणे अह अब्महिए पएसमब्भहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वनाईहिं उवरिलेहिं चउफासेहि यछट्ठाणवडिए, एवं तिपएसेवि, नवरं ओगाहणट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए जइहीणे पएसहीणे वा दुपएसहीणे वा अह अब्भहिए पएसममहिए वा दुपएसमभहिए वा, एवंजाव दसपएसिए, नवरं ओगाहणाए पएसपरिवुट्टी कायव्वा जाव दसपएसिए, नवरं नवपएसहीणत्ति, संखेजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा! अनंता पजवा पन्नत्ता, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ-गोयमा ! संखेजपेसइए संखेज्जपएसियस्स दब्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए सिय हीणे सिय तुल्ले सिय अब्भहिए, जइ हीणे संखेज्जभागहीणे वा संखिजगुणहीणे वा अह अमहिए एवं चेव ओगाहणट्ठयाएवि दुट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वण्णाइउवरिल्लचउफासपज्जवेहि य छट्ठाणवडिए, असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! अनंता पजवा पन्नत्ता, से केणडेणं भंते ! एवं वुच्चइ-गोयमा! असंखिज्जपएसिएखंधेअसंखिज्जपएसियस्सखंधस्स दव्वट्ठयाएतुल्ले पएसट्टयाए चउट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि यछट्ठाणवडिए, अनंतएसियाणं पुच्छा गोयमा ! अनंता पज्जवा पन्नत्ता, से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ ?, गोयमा ! अनंतपएसिए खंधे अनंतपएसियस्स खंधस्स दबट्टयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वन्नगंधरसफासपज्जवेहिं छट्टाणवडिए॥ एगपएसोगाढाणं पोग्गलाणं पुच्छा, गोयमा ! अनंता पजवा पन्नत्ता, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! एगपएसोगाढे पोग्गले एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाएछट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए तुल्ले ठिईए चउट्ठाणवडिए वण्णाइउवरिल्लचउफासेहिं छट्ठाणवडिए, एवंदुपएसोगाढेवि, संखिज्जपएसोगाढाणं पुच्छा गोयमा! अनंता पजवा पन्नत्ता, सेकेणढणं भंते! एवं वुच्चइ?, गोयमा! संखेज्जपएसोगाढे पोग्गल संखिज्जपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए दुट्टाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वण्णाइउवरिल्लचउफासेहि यछट्ठाणवडिए, असंखेजपएसोगाढाणंपुच्छा, गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता, सेकेणटेणंभंते! एवंवुच्चइ?, गोयमा! असंखेजपएसोगाढे पोग्गले असंखेजपएसोगाढस्स पोग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वण्णाइअट्ठफासेहिं छट्टाणवडिए। एगसमयठिइयाणं पुच्छा, गोयमा! अनंता पजवा पन्ता, सेकेणट्टणं भंते! एवं वुच्चइ?, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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