Book Title: Agam Suttani Satikam Part 10 Pragnapana
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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२१०
प्रज्ञापनाउपाङ्गसूत्र-१-५/4/३२४ जहन्नगुणकालयाणं परमाणुपुग्गलाणंपुच्छा, गोयमा! अनंता पज्जवा पत्नत्ता, सेकेणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ?, गोयमा! जहन्नगुणकालए परमाणुपुग्गले जहन्नगुणकालगस्सपरमाणुयुग्गलस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्ठायाए तुल्ले ओगाहणट्टयाए तुल्ले ठिईए चउठाणवडिए कालवनपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसा वण्णा नत्थि, गंधरसदुफास पज्जवेहि य छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणकालएवि, एवमजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि, णवरं सट्टाणे छट्ठाणवडिए,
___ जहन्नगुणकालयाणं भंते! दुपएसियाणपुच्छा, गोयमा! अनंतापजवा पन्नत्ता, सेकेणट्टणं भंते! एवंवुच्चइ?, गोयमा! जहन्नगुणकालएदुपएसिएजहन्नगुणकालयस्सदुपएसियस्सदवट्ठायए तुल्ले पएसट्टयाएतुल्ले ओगाहणठ्ठयाएसियहीणे सियतुल्ले सिय अमहिए जइहीणे पएसहीणेअह अब्महिए पएसब्महिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवनपजवेहिं तुल्ले अवसेसवण्णाइउवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं जाव दसपएसिए नवरं पएसपरिवुडी ओगाहणाए
तहेव,
जहन्नगुणकालयाणं भंते ! संखिजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा! अनंता पजवा पत्रत्ता, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए संखिजपएसिए जहन्नगुणकालगस्स संखिजपएसियस्स दवट्ठायाएतुल्ले पएसट्टयाए दुट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाएदुट्ठाणवडिए ठिईए चउट्ठाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वण्णाइ उवरिल्लचउफासेहि य छट्ठापवडिए, एवं उक्कोसगुणकालएवि, एवं अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि, नवरंसट्ठाणे छट्ठाणवडिए,
जहन्नगुणकालयाणं भंते ! असंखिजपएसियाणं पुच्छा, गोयमा! अनंता पजवा पत्नत्ता, से केणट्टेणंभंते! एवं वुच्चइ?, गोयमा! जहन्नगुणकालए असंखिजपएसिएजहन्नगुणकालगस्स असंखिज्जपएसियस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले पएसट्टाए चउट्ठाणवडिए ठिईए चउहाणवडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वण्णादि उवरिल्लचउफासेहि य छट्ठाणवडिए, ओशहट्टयाए चउट्ठाणवडिए, एवं उक्कोसगुणकालएवि, अजहन्नमणुकोसगुणकालएविएवं चेव, नवरंसट्ठाणे छट्ठाणवडिए, जहन्नगुणकालयाणमंते! अनंतपएसियाणपुच्छा, गोयमा! अनंता पजवा पन्नता, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकालए अनंतपएसिए जहन्नगुणकालयस्स अनंत-पएसियस्स दब्वट्ठाएतुल्ले पएसट्टयाए छट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवडिएठिईए चउट्टाण- वडिए कालवन्नपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं वन्नादि अट्ठफासेहि य छट्ठाणवहिए, एवं उकोसगुण-कालएवि, अजहन्नमणुक्कोसगुणकालएवि एवं चेव, नवरं सट्ठाणे छट्ठाणवडिए, एवं नीललोहिय-हालिहसुकिल्लसुब्भिगंधदुभिगंधतित्तकडुकसायअंबिलमहुररसपज्जवेहि यवत्तव्वया माणियव्वा, नवरं परमाणुपोग्गलस्स सुब्भिगंधस्स दुब्भिगंधो न भण्णइ दुभिगंधस्स सुब्मिगंधो नभन्नइ, तित्तस्स अवसेसंन भन्नति एवं कडुयादीणवि, अवसेसंतं चेव,
जहन्नगुणकक्खडाणं अनंतपएसियाणं खंधाणं पुच्छा, गोयमा ! अनंता पञ्जव पन्नत्ता, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?, गोयमा ! जहन्नगुणकक्खडे अनंतपएसिए जहन्नगुणकक्कडस्स अनंतपएसियस्स दबट्टयाएतुल्ले पएसट्टयाएछट्ठाणवडिए ओगाहणट्टयाए चउट्ठाणवहिए ठिईए चउट्ठाणवडिए वनगंधरसेहिंछट्ठाणवडिएकक्खडफासपज्जवेहिं तुल्ले अवसेसेहिं सत्तफासपज्जवेहि
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