Book Title: Agam Suttani Satikam Part 10 Pragnapana
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 225
________________ २२२ प्रज्ञापनाउपाङ्गसूत्र-१-६/-/५/३३४ पज्जत्तएहिंतो उववजंति अपजत्तएहितो उववजंति?, गोयमा ! पजत्तएहितो उववजंति नो अपजत्तएहिंतो उववजंति । जइ मणुस्सेहिंतो उववजंति किं संमुच्छिममणुस्सेहितो उववजंति गब्भवतियमणुस्सेहिंतो उववजंति?, गोयमा! नो समुच्छिममणुस्सेहितोउववजंतिगब्भवकंतियमणुस्सेहिंतो उववजंति, ___ जइ गब्भवतियमणुस्सेहिंतो उववज्रति कि कम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववजंति अकम्मभूमिगब्भवक्त्रंतियमणुस्सेहिंतोउववजंति अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववजंति?, गोयमा! कम्मभूमिगगब्भवकंतियमणुस्सेहितो उववजंति नो अकम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहितो उववजंति नो अंतरदीवगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिंतो उववजंति, ___जइ कम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणुस्सेहिंतो उववज्जंति किं संखेजवासाउएहितो उ० असंखेज्जवासाउएहितो उ०?, गोयमा ! संखेजवासाउयकम्मभूमिगगब्भवक्कंतियमणूसेहितो उववजंति नो असंखिज्जवासाउयकम्मभूमिगगब्भवतियमणुस्सेहितो उववजंति, जइ संखेजवासउयकम्मभूमिगगब्भवतियमणुस्सेहिंगो उववजंति किं पञ्जत्तेहितो उववजंति अपज्जत्तेहिंतो उववजंति ?, गोयमा ! पज्जत्तएहिंतो उववजंति नो अपजत्तएहितो उववजंति, एवं जहा ओहिया उववाइया तहा रयणप्पभापुढविनेरइयावि उववाएयव्वा, सक्करप्पभापुढविनेरइयाणपुच्छा, गोयमा! एतेवि जहा ओहियातहेवोववाएयव्वा नवरं संमुच्छिमेहितो पडिसेहो कायव्वो, वालुयप्पभापुढविनेरइया णं भंते ! कतोहिंतो उववजंति ?, गोयमा! जहा सक्करप्पभापुढविनेरइया नवरंभुयपरिसप्पेहितोपडिसेहो कायव्वो, पंकप्पभापुढविनेरइयाणं पुच्छा, गोयमा ! जहा वालुयप्पभापुढविनेरइया नवरं खहयरेहितो पडिसेहो कायव्वो, धूमप्पभापुढविनेरइयाणपुच्छागोयमा! जहा पंकप्पभापुढविनेरइया नवरंचउप्पएहितोवि पडिसेहो कायब्वो तमापुढविनेरइया णं भंते ! कओहिंतो उववजंति गो० !जहा धूमप्पभापुढविनेरइया नवरं थलयरेहितोवि पडिसेहो कायव्यो, इमेणंअभिलावेणंजइ पंचिदियतिरिक्खजोणिएहितोउववजंति किंजलयरपंचिंदिएहितो उववजंति थलयरपंचिंदिएहितो उववजंति खहयरपंचिंदिएहिंतो उववजंति ?, गोयमा ! जलयरपंचिंदिएहितो उववजंति नो थलयरेहितो नो खहयरेहिंतो उववजंति, जइमणुस्सेहिंतोउववज्रतिकिंकम्मभूमिहएहितोउववजंति अकम्मभूमिएहितोउववजंति अंतरदीवएहितो उववजंति ?, गोयमा ! कम्मभूमिएहितो उववजंति नो अकम्मभूमिएहितो उववजंति नो अंतरदीवएहितो उववजंति, जइकम्मभूमिएहितोउववजंतिकंसंखेजवासाउएहितोउववजंतिअसंखेजावासा उएहितो उववजंति ?, गोयमा! संखेज्जवासाउएहितो उववजंति नो असंखेज्जवासाउएहितो उववजंति, जइ संखेजवासाउएहितोउववजंति किंपजत्तएहिंतो उववजंति अपजत्तएहितोउववजंति, गोयमा पज्जत्तएहितोउववजंति नोअपजत्तएहितोउववजंति, जइ पज्जत्तगसंखेज-वासाउयकम्मभूमिएहितो उववजंति किं इथिएहितो उववर्जति पुरिसेहितो उववजंति नपुंसएहितो उववजंति ?, गोयमा इत्थीहिंतो उववज्रति पुरिसेहिंतो उववजंति नपुंसएहितोवि उववजंति, अहेसतमापुतविनेरइयाणंभंते! कतोहितोउववजंति?, गोयमा! एवं चेव नवरं इत्थीहितो For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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