Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03  Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 11
________________ ૧૦૬ ૧૦૯ ૧૨૬ ૧૩૩ ૧૩૪ ૧૩૮ २४ यन्द्र सूर्य ठे योगद्वार छा नि३पारा २५ नक्षत्रों हुसद्वार ठा नि३पाया २६ भासपरिसभापठनक्षत्र छा नि३पारा २७ सोलहद्वारों विषयार्थ संग्रह २८ यन्द्रसूर्याहि ताराविभान उनष्ठा उय्यत्वाहिठा नि३पारा २८ नक्षत्रों ही गति ठा नि३पारा ३० यन्द्रसूर्य के विभानवाह हेवों ही संज्या छा नि३पारा उ१ ग्रहाहि शीध्रगत्याटिठा नि३पारा 3२ यन्द्र हे अग्रभहिषी डे नाभाटिठा नि३पारा 33 यन्द्रसूर्याहि सपनत्व छा नि३पारा उ४ भ्युद्वीप डे आयाभाहिला नि३पा उप पुम्सुद्धीप छस प्रहार हे नाभहने धारा छा नि३पारा १४० १४८ m ૧પ૦ m ૧પપ ૧પ૯ ૧૬૩ सभाप्त જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા

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