Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashakdashang Sutra
Author(s): Ghisulal Pitaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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भी चपासकांग सूत्र
"म तो किसी ने तुम्हारे तीनों पुत्रों को मारा है और न किसी ने सोलह रोगों का प्रक्षेप किया है। यह तो किसी पुरुष ने आपको उपसर्ग दिया है। शेष सारा वगंन पलनीपिता के समान बानना चाहिए यपा--प्रायश्चित्त लेने, शुद्धिकरण, प्रतिमा आराधन, सपस्या, बीस वर्ष की भा.
काय, मासिको संलेखना याव: प्रथम देवलोक के अहणकान्त विमान में उत्पत्ति । चार पल्पोपम की स्थिति और वहाँ से महाधिवेह क्षेत्र में जन्म ले कर सिद्ध-बुध मुक्त बनेंगे।
॥ चतुर्थ अध्ययन समाप्त ।।