Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashakdashang Sutra
Author(s): Ghisulal Pitaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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श्रमणोपासक सालिहापिता
अर्थ-कामदेव के समान सालिहीपिता ने भी ज्येष्ठ-पुत्र को कुदम्प का भार सौंप कर भगवान की धर्मप्राप्ति स्वीकार की। उपसर्ग-रहित उपासक की ग्यारह प्रतिमाओं तथा तपश्चर्या से आत्मा को भावित किया। सारा वर्णन कामदेव के समान आनना चाहिए। विशेषता यह कि मनुष्याय पूर्ण कर के वे सौधर्म स्वर्ग के अरुणकील विमाम में देव रूप में उत्पन्न हुए । वे चार पल्मोपम की देव-स्थिति का उपभोग करेंगे और महाविबेहक्षेत्र में जन्म लेकर सिड-पव-मुक्त होंगे।
॥ दसम अध्ययन सम्पूर्ण ।।