Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 16 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ २५ ३० वीसा परिणामद्वार का निरूपण एकवीसवें बन्धद्वार का निरूपण बावीसवें वेदद्वार का निरूपण तेईसवें उदीरणाद्वार का निरूपण चोईसवें उपसंपद्धानद्वारका निरूपण पचीसवें संज्ञाद्वार का निरूपण छन्बीसवें आहारद्वार का निरूपण सत्ताईसवें भवद्वार का निरूपण अठाईसवें आकर्षद्वार का निरूपण कालादिद्वार का निरूपण उन्तीसवें कालद्वार का निरूपण तीसवें अंतरद्वार का निरूपण इकतीसवें समुद्घातद्वार का निरूषण बत्तीसवें क्षेत्रद्वार का निरूपण तेतीस से छत्तीस तक के द्वारों का निरूपण ते तीसवें स्पर्शनाद्वार का निरूपण चोतीसवें भावद्वार का निरूपण पैतीसवें परिमाणद्वार का निरूपण छत्तीसवें अल्पबहुत्वद्वार का निरूपण सांतवां उद्देशक संयतों के प्रज्ञापनादि ३६ छत्तीसद्वारों का निरूपण प्रतिसेवना का निरूपण प्रायश्चित्तके प्रकार का निरूपण आभ्यन्तर तपका निरूपण ध्यान के स्वरूप का निरूपण आठवां उद्देशा नैरयिकों की उत्पत्ति का निरूपण नवां उद्देशा भवसिद्धिक नैरयिकों की उत्पत्ति का निरूपण सिद्धिक नैरयिकों की उत्पत्ति का निरूपण १८०-१९२ १९३-१९६ १९७-१९८ १९९-२०४ २०५-२१२ २१३-२१५ २१६-२१६ २१७-२१९ २२०-२२४ २२६-२२७ २२८-२३१ २३२-२३६ २३७-२३९ २४०-२४२ २४३-२४५ २४६ २४७-२४८ २४९-२५५ २५५-२५८ ४२ ५४ . २५९-४०४ ४०५-४१७ ४१८-४४६ ४४७-४७१ ४७२-४९३ ४७ ४८ ४९४-५०५ ५०६-५०८ ५०९-५१० શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૬

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