Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 03  Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ अनु. विषय पाना नं. ७६ भगवान् महावीर डे पूर्वधरोंठा नि३पारा ७७ 5Cोंठे स्व३पठा नि३पारा ७८ समुद्र३प क्षेत्रठा नि३पारा ७८ उषायोंठे स्व३प छा नि३पाया ८० धर्मपुदलोंठे ययनाटि निभित्तोंठा नि३पारा ૧૯૬ ૧૯૭ ૧૯૭ ૧૯૮ ૧૯૯ पांयवे स्थानष्ठा पहला उद्देशा ૨૦૧ ८१ पांय प्रहार हे महाव्रतोंठा नि३पारा ८२ वर्शाहिठा नि३पा ८3 संयभष्ठे विषयभूत सेठेन्द्रिय छवोंठा नि३पारा ८४ अवधिर्शनठे क्षोभठेठाराघोंष्ठा नि३पाया ८५ ठेवलज्ञान र्शनमें क्षीभ न होनेठा नि३पारा ८६ नैरथि आटिठों शरीरछा नि३पारा ८७ शरोरगतधर्मविशेषष्ठा नि३पारा ८८ निर्ग्रन्थोंठो भहानिर्णराष्ठिी प्राप्तिठे धाराठा नि३पारा ८८ आज्ञानु अविराधन धाराठा नि३पाया ८० पांय प्रठारठे विग्रहस्थानठा नि३पा ८१ विषधाठिस्थानोंठा नि३पाया ८२ हेवोंठे पांय प्रष्ठारा नि३पाए। ८3 हेवोंठे परियारागाठा नि३पारा ८४ हेवोंठे मनभहिषियोंष्ठा नि३पाया ८५ यभरेन्द्राष्टिठोंडे सनीठ और सनीठाधिपतियोंठा नि३पारा ८६ प्रतिधातष्ठा नि३पारा ८७ उत्तरशोंठे भेटोंठा नि३पारा ८८ परीषह सहनेठा नि३पारा ८८ हेतु और महेतुठे स्व३पठा नि३पाया १०० तीर्थष्ठरोंडे यवनाटिठा नि३पाया ૨૦પ २०८ ૨૦૯ ૨૧૨ ૨૧૩ ૨૧૬ ૨૨૪ ૨૨૬ ૨૨૮ ૨૩૧ ૨૩૨ २33 २३४ ૨૩પ २३८ २३८ २४० ૨૪પ २४८ ॥सभात ॥ A श्री.स्थानांग सूत्र :03

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 266