Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 03 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनु. विषय
पाना नं.
४६
પ૩
६४
७०
७२
७३ ७४
२२ दुःस्थित साधुष्ठी हुशय्या और सुस्थित साधुडी
सुजशय्या ठा नि३पारा २3 यार प्रहार पु३षात विषय यौह यतुमँगी छा नि३पारा २४ छन्थ६ष्टांतसे पुषप्त छा नि३पा २५ अप्रतिष्ठान आहि नरठों छा आयाभ और विष्ठष्भसे
साभ्य ठा नि३पारा २६ उर्ध्व-अधस्तीर्यग्लो द्विशरीरिछवोंठा नि३पाश २७ ह्रीसत्व-आहियार प्रष्ठार हे पुषशतष्ठा नि३पा २८ यार भ्रष्ठार हे अभिग्रहठा नि३पा २८ यार प्रहार शरीर छा नि३पाया उ० यार प्रष्ठार हे अस्तिष्ठायसे उस्पधभान आरठायसे
लोटस्पृष्टत्व ठा नि३पारा उ१ यतुर्विध अस्तिछायाठिों छा प्रदेशाग्रतुल्यत्व आष्ठिा
नि३पारा 3२ पृथिवीष्ठाय आहियारोंष्ठा सूक्ष्भशरीरछे अ६श्यत्वष्ठा नि३पारा 33 व और पुरस गतिधर्भठा नि३पारा उ४ ६ष्टांतठे भेटों छा ज्थन उप अधोलोठ-उर्ध्वलोष्ठभे रहे हुवे सन्धठार और ६धोत ठे
छारगोठा नि३पारा
१०८
यौथे स्थानष्ठा यौथा Gदेशा
१०८ ૧૧૧ ૧૧૧ ૧૧૨
उ६ प्रसर्घष्ठों छा नि३पा उ७ नारष्ठों ठे आहारठा नि३पारा 3८ तिर्थ-भनुष्य और हेवोंठे आहारठा नि३५ 3८ आशीविष-सों हे स्व३पठा नि३पारा ४० व्याधिष्ठे भेटों छा नि३पारा ४१ यिष्ठित्सडेस्व३पठा नि३पारा ४२ वा आदि६ष्टांतसे पु३षशतष्ठा नि३पारा ४3 ठ्यिावाही वगैरह तीर्थिष्ठों हे स्व३पष्ठा नि३पारा ४४ मेघ ६ष्टांत द्वारा पु३षष्शतष्ठा नि३पारा ४५ राऽऽछे ६ष्टांतसे आयार्थाठिोठा नि३पारा
૧૧૪ ૧૧પ
૧૨૦ ૧૨પ ૧૨૬
૧૩૨
श्री स्थानांगसूत्र:03
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