Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 21
________________ 1555555555555555 5 ; गोतीर्थ पद पाताल कलश पद पर्वत पद जम्बूद्वीप क्षेत्र पद विविध पर्वत पद i द्रव्यानुयोग पद उत्पातपर्वत पद अवगाहना पद तीर्थंकर पद अनन्तभेद पद पूर्ववस्तु पद i प्रतिसेवना पद आलोचना पद प्रायश्चित्त पद मिथ्यात्व पद तीर्थंकर वासुदेव पद भवनवासि पद सौख्य पद ; उपघाताविशोधि पद संक्लेश असंक्लेश पद बल पद भाषा पद दृष्टिवाद पद शस्त्र पद दोष पद ४८४ ४८५ ४८७ ४८७ ४८८ ४८९ ४९१ ४९४ ४९५ ४९५ ४९६ ४९६ ४९७ ५०१ ५०२ ५०२ ५०४ ५०४ Jain Education International ५०५ ५०६ ५०७ ५०८ ५१२ ५१३ ५१४ परिशिष्ट विशेष पद शुद्धवाग-अनुयोग पद दान पद गति पद मुण्ड पद संख्यान पद प्रत्याख्यान पद सामाचारी पद दस महा स्वप्न स्वप्न फल पद सम्यक्त्व पद संज्ञा पद वेदना पद छद्मस्थ पद दशा पद कालचक्र पद अनन्तर परम्परउपपन्नादि पद नरक पद स्थिति पद भाविभद्रत्व पद आशंसा प्रयोग पद धर्म पद स्थविर पद पुत्र पद ( 15 ) ५१५ ५१५ ५१७ ५१८ ५१९ ५२० ५२० ५२२ ५२३ ५२४ ५२८ ५२९ ५२९ ५३० ५३१ ५३७ ५३७ ५३८ ५३८ ५४० ५४१ ५४२ ५४३ ५४४ अनुत्तर पद कुरा पद दुःषमालक्षण पद सुषमालक्षण पद For Private & Personal Use Only [कल्प] वृक्ष पद कुलकर पद वक्षस्कार पद कल्प पद प्रतिमा पद जीव पद शतायुष्कदशा पद तृण वनस्पति पद श्रेणि पद ग्रैवेयक पद तेज सा भस्मकरण आश्चर्य पद काण्ड पद उद्बध पद नक्षत्र पद ज्ञानवृद्धिकर पद कुलकोटि पद पापकर्म पद पुद्गल पद ५६७-५७६ 555555555555555555555555555 ५४४ फ्र ५४५ ५४५ ५४६ ५४६ ५४७ ५४८ ५४९ ५५० ५५१ ५५२ ५५३ ५५३ ५५४ ५५४ ५५९ ५६१ ५६२ ५६३ ५६३ ५६४ ५६४ फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ ५६६ www.jainelibrary.org

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