Book Title: Acharanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Mayachand Matthen
Publisher: Vikramnagar

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Page 5
________________ वारंग सवमादिएकमपनी सस्वखुनिश्चरस्थवी तथाएट्यवीम पथिचीवनश्रारंसमा तपारथिवीना मला तथाश्रनिराग्रारंवकरसादिषीमनमादिदामिअणि वनमानस्फे कायनाउसमारसनारसमानाका रसणीया॥ सिनरकनाकारया तकदेखाइएकश्वक्तिजेकारबाल्याप्तीशाइएक्षमून्निलोक कर्मपथा रणसणीया मिलीनरंकरपबश्श्रावधभिवीकायनामाप्रकारशस्वकर पाप सूबटवा३ मेरोसिंगासवतिएसखसुरकथयसरवनुमादापसरवलुमारोएसखस्नुनिराश्वलंगदिपालाप जमिणविरुवस्वेदि अधिवीमविश्कर्मसमारे पृथिवीसस्त्र समारंस अप अनिराबेशियादिकश्रमिक जीवनाशकाजकारक्षितमना बलविकिविदश्नन्त (दिवैशिष्यश्मकदैमावष्टनिधीकाय नाजीवश्राषिकी सकरा दए मकनेकदतिकारश्रीयककदेब सिमाजजन्दथिवीका यभीवेदना प्रबतिदमोस्वरूपकदेखितिमहसतलोनिमजा । सहाठिविकम्मसमारंण उडविसळसमारंसमाणे अणिमोगस्वेपाणिविहिंसशसेबेमिश्रापागधमाश अपेगे | तयाधीस्पृश्ननाबाविकपकरी एणीपरिन्दनायुल्फ वश्करीवेदर वामलालदिषा (परिपपररायदे गिपरै हनहनाको एकपगा कहताधुकोसा करीब ताधिसेक्षा सेद शमशेअप्पिागपायमाशाप्पगपाध्यमझे अप्पेगेगुकमा अगिगुप्फमशा अपघमन/अपिगागुमशअम जोधपणिपरै कहिषाश्करी बेद) एणीपरै अदषजैकरी एणी पासा बैदे. एणीपरै पविजेट अपर्णवेडरबैदर गेजसमशेशअमेगकमिमशेयरोणालिप्तशिपिगेनदरमशशअपिगेपासमशेशअमगेपिनमशिराप्रपोजरमशेश ३ १६गमाहिकोई पक जातिधनविरमकाष्टीपगुजरनेवरुषनश्काईएकसालानश्क रीमईदषनधारासंबेदरलतिवारेनेआषश्देषश्नही काम मासलेनहाजीसबालश्नदीनासघनदीaaaaश्तहमवेदनानी श्रथवतिजीवनश्रीपरमिमोक्षनश्वेदनाasiaमश्थाकाथमाजवनश्चय ऋविनाasam 3-लीजीऊपरली नौधाबावामधीजीपापो

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