Book Title: Aahar Aur Aarogya Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 9
________________ है, वही आहार यदि अज्ञान और अविवेकपूर्वक लिया जाये तो शरीर के लिए घातक, रोगवर्धक और प्राणशक्ति को क्षीण करने वाला भी हो जाता है ।शरीरशास्त्रियों के आंकड़े इस बात के साक्ष्य हैं कि संसार में जितने मनुष्य भूख से छटपटाते हुए मरते हैं उनसे ज्यादा मनुष्य अधिक खाकर मरते हैं । अनेक व्यक्ति रोग से मरते हैं और रोग होने का मुख्य कारण क्या है ? भूख नहीं, गलत खान-पान है । अमर्यादित, अविवेकपूर्ण दुष्पाच्य और ऐसा भोजन जो मानव शरीर की प्रकृति के प्रतिकूल हो, जिसकी शरीर को आवश्यकता नहीं हो । __ भोजन के तीन उद्देश्य है• भूख मिटाने के लिए-खाना • शरीर को स्वस्थ और क्रियाशील रखने __ के लिए-खाना • केवल स्वाद के लिए-खाना सिर्फ भूख मिटाने के लिए ही खाना, यह तो पशुवृत्ति है, इसे खाना नहीं कहकरPage Navigation
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