Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

View full book text
Previous | Next

Page 21
________________ (१९) मासाहार के दोष : १. मांस एक ऐसा घृणित पदार्थ है, जिसमें अनेक प्रकार के विष हैं, जैसेयूरिक ऐसिड, यूरिया, मरकरी, डी. डी. टी. आदि । इन विषैले तत्त्वों के कारण खुजली, त्वचाविकार, कैंसर आदि विविध रोग हो जाते हैं। __ जबकि शाकाहार विषैले तत्त्वों से मुक्त होता है, अतः रोग होने की संभावना बहुत कम होती है। २ मांसाहार उत्तेजना उत्पन्न करता है, जबकि शाकाहार सहिष्णुता । ३. मांसाहार से बुद्धि मलिन होती है, भावों में क्रूरता आती है । इसके विपरीत शाकाहार बुद्धि को निर्मल बनाता है और हृदय को करुणापूरित । ४. मांसाहार की गणना तामसिक आहार में की जाती है । जिसका परिणाम होता है- प्रमाद, आलस्य और बुद्धि की जड़ता तथा पाप कर्मों में प्रवृत्ति, जबकि

Loading...

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68