Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 26
________________ (२४) दिग्भ्रांत व अनजान हैं। १९८९, अप्रैल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के मानव-आहार विभाग द्वारा शाकाहार पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें लगभग ३०० प्रमुख चिकित्सकों ने भाग लिया । इस संगोष्ठी में यह घोषित किया गया कि १६० प्रकार की ऐसी घातक और खतरनाक बीमारियाँ हैं जो मांसाहार से ही फैलती हैं और शाकाहार से उनकी रोकथाम की जा सकती है । (देखें, शाकाहार क्रांति : जुलाई ८९का सन्दभ) आज संसार के अच्छे से अच्छे चिकित्सक और वैज्ञानिक यह मानने और कहने लगे हैं, कि मनुष्य का भोजन मांसाहार न होकर शाकाहार ही होना चाहिए। अण्डा : बीमारियों का कण्डा : "आज मांसाहार की तरह ही अण्डों का प्रचार बहुत जोर-शोर से हो रहा है और

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