Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 65
________________ (६३) जो व्यक्ति १. काल : सर्दी, गर्मी, बरसात, तथा प्रातः, दोपहर, संध्या का विचार करके । २. क्षेत्र : (जिस क्षेत्र में वह निवास कर रहा है, उसकी जलवायु) ३. मात्रा : (भोजन का परिमाण तथा शरीर की आवश्यकता) ४. स्वभाव : (अपने शरीर का स्वभाव)प्रकृति -पित्त प्रकृति है, वात प्रकृति है अथवा कफ प्रकृति है-ब्लडप्रेशर लो है या हाई आदि) ५. द्रव्य : (भोज्य पदार्थ के गुण-अवगुण तथा सुपाच्यता-दुष्पाच्यता, उदर के लिए भारी है या हल्का) ६.स्वशक्तिः (पाचन सामर्थ्य-कि मैं इस भोजन को हजम कर भी सकूँगा या नहीं, कहीं शरीर में, मन में विकार तो नहीं हो. जायेंगे) इन बातों का ध्यान रखकर जो व्यक्ति भोजन करता है, उसे औषधि की

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