Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 42
________________ (४०) करना चाहिए । भोजन के विषय में भी यह सत्य ही है । अति मात्रा में मीठा खाना, भोजन करना, गरिष्ठ और कुपथ्य खाद्य पदार्थों को उदरस्थ करना अन्ततोगत्वा हानिकारक ही है। __इस संदर्भ में "अति" आदि शब्दों का अभिप्राय है शरीर की पाचन क्षमता से अधिक खाना। - अति के विपरीत शब्द "अल्प" है । अल्प का अभिप्राय है-कम, थोड़ा । सामान्यतया अल्प भोजन को हितकारी माना गया है। लेकिन अल्प इतना अल्प न हो कि शरीर ही दुर्बल हो जाय, पोषण तत्व उचित मात्रा में न मिलने से शरीर रोगों का घर बन जाय, कार्यक्षम ही न रह सके। उचित ही उचित : "अति" और अल्प के मध्य बिन्दु को ध्यान में रखें ; जिसे "उचित" कहा जाता है । उचित का अभिप्राय है--शरीर के

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