Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 22
________________ (२०) शाकाहार सात्विक है, यह बुद्धि को निर्मल बनाता है, शरीर में स्फूर्ति का संचार करता है और शुभ प्रवृत्ति हृदय में भरता है । ५. मांस और शराब का चोली-दामन का साथ है । अक्सर देखा गया है कि मासांहारी शराबी भी होते हैं, क्योंकि मांस उदर में पहुँचने के बाद शराब पीने की ओर मनुष्य को उत्तेजित करता है । इसके विपरीत शाकाहार करने वाले मानव की मद्य की ओर रुचि प्रायः कम होती है । ६. मांसाहार का सबसे बड़ा अवगुण यह है कि यह कामवासना को भड़काता है । मांसाहारी अधिकतर कामी होता है और यदि वह शराबी भी हुआ तो कामवासना सीमा को लांघ जाती है । जितने भी बलात्कार के केस होते हैं, वे अधिकतर मांस और शराब के नशे में ही किये जाते हैं । हिंसा, हत्या, आतंकवाद आदि सभी मांस और मदिरा के परिणाम हैं । इससे सामाजिक शांति भंग होती है।

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