Book Title: Aahar Aur Aarogya
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ (१४) सूची में आते हैं । अप्राकृतिक आहार तामसिक होता है । उसके सेवन से मनुष्य की प्रकृति में एक प्रकार का संघर्ष व अस्वाभाविक उत्तेजना पैदा होती है। कुछ लोग इसे महसूस करते हैं, कुछ न भी कर पायें, परन्तु वैज्ञानिकों का मन्तव्य हैअप्राकृतिक आहार-मांस आदि मनुष्य के शरीर, पाचन तंत्र व स्वभाव के अनुकूल नहीं होने से बिल्कुल अस्वाभाविक हैं और शरीर पर उसका दुष्प्रभाव होता ही है। स्मरण रहे मांसाहार मानवीय भोजन नहीं है । संसार में जितने भी मूर्धन्य वैज्ञानिक, धर्मचिन्तक, कवि, कलाकार, बुद्धिमान, योद्धा और राजनीतिज्ञ हुए हैं, उनमें से अधिकतर शाकाहारी हैं । आज वैज्ञानिक परीक्षणों ने यह सिद्ध कर दिया है कि विकसित देशों में-जहां मांसाहार, मद्यपान आदि का अधिक प्रचलन है वहां लोगों में हार्ट अटेक, हाई ब्लडप्रेशर तथा इसी प्रकार की अनेक घातक बीमारियाँ

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68