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तेजोमय पारदर्शी व्यक्तित्व की। उन्होंने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार और नैतिक पतन की शक्तियों के विरुद्ध पान्दोलन करने को अन्तरनम से प्रेरणा हो रही है. विशेषकर जब कि स्वर्ण उनके अपने सम्प्रदाय के लोग भी तेजी से पतन की भोर जा रहे हैं। ___ मैंने पूछा कि अपनी सफलता के बारे में उनका क्या ख्याल है, उनके मुख पर वही मुस्कराहट खेल गई, हालाकि उनके नेत्रों मे उदासी की रेखा खिची हुई दिखाई दी। उ होने कहा, जब वह नई दिल्ली में पडित जवाहरलाल नेहरू से मिले थे तो उन्होने परितजी से पूछा था कि घणवत-मान्दोलन की सफलता के बारे में उनका क्या स्याल है। पहिरजी ने वहा था कि वह दिन-प्रतिदिन दुनिया के सामने अहिमा का प्रचार करते रहते हैं, पिन्त उनकी बात कोन सुनता है ? पडितजी ने कहा कि हम को अपने ध्येय पर प्रटल रहना है और उसका प्रचार करते जाना है। प्राचार्यश्री ने कहा कि शान्ति पार पवित्रता के ध्येय पर उनकी भी ऐसी ही श्रद्धा और निष्ठा है । तेजोमय महापुरुषों को अगली पंक्ति में
मुझे मालमपका दीप वश अपने जीवन के ७० वर्षों में देले बहुसंख्यक लोगो से मिलने का काम पहा जो प्रसिद्ध और महान व्यक्ति को ख्याति अजित कर चुके थे । खेद है कि उनमें से बहुत कम लोगो के मुख पर मैंने सत्य और पवित्रता की उम्वल ज्योति प्रपने पूरे तेज के साथ चमकते हुए देखो जैमी कि एक शह प्रावदार होरे मे चमरती दिखाई देती है। मैं पारी पौर तेजोमय महापुरुषों को अगलो पक्ति में प्राचार्यश्री तुलसी का स्थान देखता हूँ।