________________
wwwuur
ve
.wwwwwwwwwwwwwwww
A
RRAKSHIKARA* * ३७० वृहज्जैनवाणीसंग्रह
रोचन २ दिग्गज ऐसे एक मेरुसंबंधी आठ दिग्गज हैं। 2. इसप्रकार ५ मेरुसम्बन्धी ४० दिग्गज हुए।
१८३-सौ वक्षार पर्वत । १ माल्यवान २ महासौमनस ३ विद्युतप्रभ ४ गंधमादन ये चारों गजदन्त पर्वत मेरुकी ईशानादि चारों * विदिशाओंमें हैं । १ चित्रकूट २ पद्मकूट ३ नलिन ४ एक
शल ये चारों वक्षार पर्वत सीता नदीके उत्तर तटपर भद्र1 शालवेदीसे आगे क्रमसे हैं। १ त्रिकूट २ वैश्रवण ३ अंज
नात्मा ४ अंजन ये चारों वक्षार पर्वत सीता नदीके दक्षिण * तटपर देवारण्य वेदीसे आगे क्रमसे हैं । १ श्रद्धावान
२ विजयवान ३ आशीविष ४ सुखावह ये चारों वक्षार पर्वत
पश्चिम विदेह सीतोदा नदीके दक्षिण तटपर भद्रशाल वेदी* से आगे क्रमसे हैं । १ चन्द्रमाल २ सूर्यमाल ३ नागमाल ! १४ देवमाल ये चारों वक्षार पर्वत पश्चिम विदेह सीतोदा।
नदीके उत्तर तटपर देवारण्य वेदीसे आगे क्रमसे हैं। ४५ * गजदन्त पर्वत, १६ वक्षार पर्वत मिलकर २० वक्षार हुवे,
यह एक मेरुसंवन्धी हैं, पांचों मेरुके १०० हुए | इसतरह। * वक्षार पर्वत १०० हैं।
१८४-साठ विभंगानदी । * १ गाधवती २ द्रहवती ३ पंकवती यह तीनों नदी सीता
नदीके उत्तरवाले वक्षार पर्वतोंके बीच बीचमें हैं । १ तप्तजला *२ मत्तजला ३ उन्मत्तजला यह तीनों नदियां सीतानदीके ।