Book Title: Uvasagdasao
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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१२२
प्रथमं परिशिष्टम् कंकग्गहणी कवोयपरिणामे सउणिपोसपिटुंतरोरुपरिणए: पउमुप्पलगंधसरिसनिस्साससुरभिवयणे निरायंकउत्तमपसत्थअइसेयनिरुवमपले जल्लमल्लकलंकसेयरयदोसवजियसरीरनिरुवलेचे छायाउजोइयंगमंगे घणनिचियसुचद्धलक्खणुन्नयकूडागारनिभपिडियग्गसिरए सामलिवोंडघणनिचियच्छोडियमितविलयपसत्थसुहमलक्षणसुगंधसुंदरभुयमोयगभिंगनीलकजलपहभमरगणणिद्धनिकुरुंवनिचियकुंचियपयाहिणावत्तमुद्धसिरए दालिमपुप्फप्पगासतवणिजसरिसनिम्मलमणिद्धकेसंतकेसभूमी घणनिचियसुवद्ध लक्खणुन्नयकूडागारनिपिंडियग्गसिरए लत्तागारुत्तिमंग देसे निव्वणसमलट्ठमट्टचंदद्धसमणिडाले उडवइपडिपुण्णसोमवयणे अल्लीणपमाणजुत्तसवणे गुस्सवणे पीणमंसलकवोलदेलभाए आणामियचावरुइलकिण्हमराइतणुकसिणणिद्धभमुहे अवदालियपुंडरीयनयणे कोयासियधवलपत्तलच्छे गल्लायवउज्जतुंगणाले उवचियसिलप्पवालविंवफलसंनिभाहरोटे पंढुरससिसयलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणकुंदद्गरयसुणालियाधवलदंतसेढी अखंडदंते अप्फुडियदंते अविरलदंते सुणिद्धदंते सुजायदंते एगदंतलेदी विव अणेगदंते हुयवहणितधोयतत्ततवणिजरत्ततलतालुजीहे अवटियसुविभत्तचित्तमंसू मंसलसंठियपसत्थसहलविउलहणुए चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसग्गीवे वरमहिसवराहसीहसङ्कलउसमनागवरपडिपुण्णविउलक्खंघे जुगसंनिमपीणरइ-- यपीवरपउट्ठसुसंठियसुसिलिट्ठविसिट्टघणथिरसुबद्धसंधिपुर-. वरफलिहवट्टियभुए भुयगीसरविउलभोगआयाणपलिहउच्छूढदीहवाह रत्ततलोवइयमउयमंसलसुजायलक्खणपसत्थ

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