Book Title: Tran Prachin Gujarati Krutio Author(s): Sharlotte Crouse, Subhadraevi Publisher: Gujarat VidyasabhaPage 56
________________ २३ कुंजर, काकण, नि कोलीयाली, कतबपुरो दुष वारिजी, कलधरी, कल्पद्रुम, कंटसेज, कुसलपुर मन तारिजी ॥ १९ ॥ कोटी, कोरडो, किलवाड, जिन कुंकुमरोल नमीजेजी, अंतरीक, अवंती, अमीझरो, अझारो ध्याईजेजी । आस्यापूरण, आरासण, आम, आरीसो, आणंदोजी, अजोध्या, आतरी, अमीर्बुद, अहीछतो सुष-कंदोजी ||२०|| अग्यार-फणो, अभिनव, आणंदपुर, आसण, अमृतपूरोजी, अहीछटो, ऐरावण, आहलणपुर, आनीवाडो, गुणसूरोजी, चिंतामणि, चोपटल, अभिजन, चित्रोडो, चास्पोजी, चंदन, चोमुष, चेलन, चावोलो, चोरवाडो, बहुरूपोजी ||२१|| चोवीसवटो, चमीन, चंद्रपुरी, चंदोडो, चोचलीयजी, चोगुणो, चक्रवर्ती दयापुर, दादो, चंदेरी, चांपानेरइंजी, देवाली, दीपमंगल, दयाथल, देलोलीयो, दागमालोजी, दुषविहंडण, दसपुर, दिगवाडो, दोरगु, चोलरोजी ||२२|| • टाल [ कपूर होइ अति ऊजलं रे वलीय अनोपम गंध रे बहिनी जेहनि जेस्यु रंग ] श्रीपुर, कोटो, दुधवड रे, झंकार व वरदेव । स्वेत चिंतामणि, एलीयो रे, एलोलि करु सेव, हो भवीया ॥ पूजो श्री जिन पास, जेहना सकल सुरासुर दास, जेहन नाभि लील विलास, हो भवीयां, पूजो श्री जिन पास ||२३|| आवला, उडणो, ऊडीचो, टोकरि रे, टाकलो पास जिणंद । चरण पसाय जेहनि रे पन्नग हूयो धरणेंद, हो भवियां - पूजो ||२४|| यादव दल जीवाडीयो रे, अभयदेव तन दीध । सुपांतर तुं समरीयो रे, तेहना वंछित सीध, हो भवियां - पूजो० ||२५|| रोग, जल, जलन, विसहरा रे, नासि सपण, भूत । ताहरु नाम जपंतडा रे, लहीइ कलत्र वरपूत्र हो भवियां - पूजो० ||२६|| पांचसि वाहण वूडतां रे, तेइ राष्या जगदीस । धनदत्त सेठ तणा हुता रे, पूगी तास जगीस, हो भवियां - पूजो० ||२७||Page Navigation
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