Book Title: Tirthankar Charitra Part 1
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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तीर्थङ्कर चरित्र ..
हुए । श्रीधर्मनाथ जिनेश्वर के बाद पौन पल्योपम कम तीन सागरोपम बीतने पर भ. शांतिनाथ जी हुए।
भगवान् शांतिनाथजी के चक्रायुध आदि ९० गणधर हुए + । ६२००० साधु ६१६.० साध्वियां, ८०० चौदह पूर्वधर, ३००० अवधिज्ञानी, ४००० मनःपर्यवज्ञानी, ४३०० केवलज्ञानी, ६००० वैक्रेय लब्धिवाले, २४०० वादी विजयी, २९०००० श्रावक और ३९३... श्राविकाएँ थीं।
सोलहवें तीर्थंकर
भगवान् ॥ शांतिनाथजी का चरित्र सम्पूर्ण ॥
+ ग्रंथकार ३६ गणधर होना लिखते हैं, किन्तु समवायाग सूत्र मे ९० लिखे हैं।
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