Book Title: Tirthankar Charitra Part 1
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
View full book text ________________
तीर्थंकरों के नक्षत्र
तीर्थकर नाम
गर्भ
जन्म
दीक्षा
केवल
निर्वाण
आर्द्रा
मल
मल
श्रवण
ऋषभदेवजी उत्तराषाढ़ा उत्तराषाढ़ा उत्तराषाढ़ा उत्तराषाढ़ा अभिजित अजितनाथजी रोहिणी रोहिणी रोहिणी रोहिणी मृगशिर्ष संभवनाथजी
मृगशिर्ष मृगशिर्ष
मृगशिर्ष अभिनंदनजी
पुष्य मगशिर्ष अभिजित पुष्य सुमतिनाथजी मघा
मघा मघा
मघा पुनर्वसु पद्मप्रभःजी चित्रा चित्रा चित्रा
चित्रा चित्रा सुपार्श्वनाथजी. विशाखा विशाखा विशाखा विशाखा
अनुराधा चन्द्रप्रभःजी अनुराधा अनुराधा अनुराधा अनुराधा ज्येष्ठा सुविधिनाथजी
मूल मूल शीतलनाथजी पूर्वाषाढ़ा पूर्वाषाढ़ा पूर्वाषाढ़ा पूर्वाषाढ़ा पूर्वाषाढ़ा श्रेयांसनाथजी श्रवण
श्रवण
श्रवण धनिष्ठा वासुपूज्यजी शतभिषा शतभिषा शतभिषा शतभिषा उत्तराभाद्रपद विमलनाथजी उत्तराभाद्रपद उत्तराभाद्र. उत्तराभाद्र. उत्तराभाद्र. रेवती अनंतनाथजी रेवती रेवती रेवती रेवती रेवती धर्मनाथजी पुष्य
पुष्य शांतिनाथजी
भरणी भरणी भरणी भरणी कुंथुनाथजी कृतिका कृतिका कृतिका कृतिका कृतिका अरनाथजी
रेवती रेवती रेवती रेवती रेवती मल्लिनाथजी अश्विनी अश्विनी अश्विनी अश्विनी भरणी मुनिसुव्रतजी श्रवण श्रवण श्रवण श्रवण
श्रवण नमिनाथजी अश्विनी अश्विनी अश्विनी अश्विनी अश्विनी अरिष्टनेमिजी चित्रा चित्रा चित्रा चित्रा चित्रा पार्श्वनाथजी विशाखा विशाखा विशाखा विशाखा विशाखा महावीर स्वामी उत्तराफा. उत्तराफा० उत्तराफा. उत्तराफा० स्वाति
पुष्य
पुष्य
पुष्य
भरणी
अभिजित भी लिखा है । • त्रि.श. पु. प. में सुपार्श्वनाथ का गर्भ और दीक्षा अनुराधा में जन्म और केवल विशाखा में तथा निर्माण मूल में लिखा है। श्रवण भी लिखा है। पुष्य भी लिखा है।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 421 422 423 424 425 426