Book Title: Tirthankar Charitra Part 1
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 422
________________ तीर्थकर भगवंतों का विवरण ४०९ तीर्थंकर नाम निर्वाण साथी निर्वाण तप अन्तरकाल नौ " ० ऋषभदेवजी ६ उपवास अजितनाथजी मासखमण पचास लाख करोड़ सागर संभवनाथजी तीस लाख अभिनंदनजी दस लाख सुमतिनाथजी नौ लाख पद्मप्रभःजी ३०८ नब्बे हजार सुपार्श्वनाथजी ५०० नौ हजार चन्द्रप्रभःजी १००० नौ सौ सुविधिनाथजी नब्बे करोड़ सागर शीतलनाथजी श्रेयांसनाथजी एक करोड़ सागर में छासठ लाख छब्बीस हजार एक सौ सागर कम । वासुपूज्यजी चौवन सागर विमलनाथजी ६००० तीस सागर अनंतनाथजी ७००० नो सागर धर्मनाथजी ८०० चार सागर शांतिनाथजी तीन सागर में पौन पल्योपम कम कुंथुनाथजी १००० अर्द्ध पल्योपम अरनाथजी पाव पल्योपम में एक हजार करोड़ वर्ष कम। मल्लिनाथजी १०००+ एक हजार करोड़ वर्ष मुनिसुव्रतजी १००० ५४००००० वर्ष नमिनाथजी १००० ६००००० वर्ष अरिष्टनेमिजी ५००००० पार्श्वनाथजी ८३७५० महावीर स्वामी नहीं बेला २५० वर्ष + ज्ञाता में ५०० साध्वियां और ५०० साधु के साथ मुवित होना लिखा है, ग्रंथ में ५०० है। उसमें साध्वियों की संख्या नहीं लिखी होगी। ० ० ३३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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