Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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[ ३२ ]
विषय
पृष्ठ सं.
अधि०/गाथा है.
७॥ ४६५-४६६ ७ । ४.०-४७१
३७५
नक्षत्रों के नाम, साराओं की संख्या एवं आकार নাম কা সমাস जम्बूढीपस्थ क्षेत्रकुलाचलादि के दोनों चन्द्र सम्बन्धी तारानों की संख्या
३०४
७। ५३३-५४०
पांच वर्षों में दक्षिणायन-उत्तरायण सूर्य की पांच-पांच आवृत्तियाँ विषुपों के पर्व, तिथि और नक्षत्र मनुष्य लोक के ज्योतिषी देवों का एकत्र प्रमाण छत्तीय समुद्र से अन्तिम समुद पर्यन्त की गुण्यमान राशिया
४.1
७.५४१-५५३
४१८
७.६१४
७। गद्य खण्ड
इमाक विमानों का विस्तार
४६.
८। १२-११
ऋतु इन्द्रक विमान की श्रेणीबद्ध विमानों की संख्या
८। ८७-९७
४०८
८।१४-१५४
स्वों के विमानों की संख्या । कल्पों को सर्व विमान संख्या
४८६
२२
विमानों का कुल प्रमाण एवं विमानतल का दाहल्य
४९३
२३.
इन्द्रों के परिवार देव
८। १४९-२०२ ८ । २१४-२४६ 5। २८७-२९२ ८। ३०६-३१६ ८। ३२०-३३२
५१६
५
५२३
N
। ३५२
८। ३५८-३६६
लोकपालों के सामन्तों का और दोनों के पारिषद् वेवों का प्रमाण ५११ इन्द्रों की देवियों का प्रमाण वैमानिक इन्ट्रों के परिवार देवों की देवियों का प्रमाण कल्पों की इन्द्रक एवं एक विषागत श्रेणीजों की संख्या ५२८ इन्द्रों के रामोगण, प्राकार एवं गोपुरवार देवियों और बल्लमानों के भवनों का विवेचन सौधर्मेन्द्र प्रादि के यान विमान व मुकुट चिह्न कल्पों में इन्द्रों के परिवार देवों की आयु
५६८ इन्द्रों की देवियों को मायू देव-द्रवियों के जन्म-मरण का अन्तर (विरह) काल
८। ४१६-४२२
८। ४४१-४५४
८।
१३
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S
८। ५२८-५३५
- I ५४५-५५३