Book Title: Tiloypannatti Part 3
Author(s): Vrushabhacharya, Chetanprakash Patni
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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पृष्ठ सं.
मखिक/गाथा सं.
७५६-४. ७६७-६८ २७-२९२
२६.
७३४३७-४४२ ७.४६१-४६४ मा१२३-१२४ मा१३१-१३५
४७३
मा३७-१३८
४७४
८।१६६-१७६
४८५
८.३४२
विषा चन्द्र विमान सूर्य विमान दिन रात्रिका प्रमाण प्रथम पथ में स्थित सूर्य के भरत क्षेत्र में वदित होने पर क्षेमा प्रावि १६ क्षेत्रों में रात्रि दिन का विभाग चन्दगलियों में नक्षयों का संचार प्रादिस्य इन्द्रक के श्रेणीबद और प्रकीर्णक कम्वलोक सौधर्मादिक कल्पों के आश्रित श्रेणीपर एवं प्रकीर्गक विमान अंवेयकों के प्रेणीबद्ध एवं प्रकीर्णक विमान प्रभ नामक इन्द्रक के श्रेणी विमान में ईशान नामक इन्द्र की स्थिति लोकास्तिक लोक
ईषस्प्राग्भार (८वीं) पृथ्वी का अवस्थान एवं स्वरूप तालिका विवरण क्रम सं०
विषय चारस्थावर जीवों में सामान्य, बाबर, सूक्ष्म, पर्याप्त और अपर्याप्त राशियों का प्रमाण सामान्य वीन्द्रियादिजीबों का प्रमाण पर्याप्तीन्द्रियादि जीवों का प्रमाण अपर्याप्त द्वीन्द्रियादि जीयों का प्रमाण समस्त प्रकार के स्थावर एवं त्रस जीवों को जघन्य उत्कृष्ट अवगाहना का कम क्यन्तरदेवों का वर्णन व्यत्तरदेवों की सप्तमनीकों का प्रमाण चन्द्राधि ग्रहों के अवस्थान, विस्तार, बाहल्य एवं बाहनदेवों का प्रमाण चन्द्र के अन्तर प्रमाण धाविका विवरण दोनों सूर्यों के प्रथम पथ में स्थित रहते ताप और तमक्षेत्र का प्रमाण
पा६३७-६५७ ८६७५-६८१
६.२ ६.७
पृष्ठ
अधिक/गापा सं.
१५०
५। गत सण्ड ५।ग खण्ड
१६४
२१.--१३ २२५ २३१
६ । २५-५६ 1७१-७५
७।१६-११३ ७। १५३-२००
७। २९३-३७९