Book Title: Tattvopnishad Author(s): Kalyanbodhisuri Publisher: Jinshasan Aradhak Trust View full book textPage 8
________________ ®- तत्त्वोपनिषद् __यह कृति कोइ साम्प्रदायिक सीमा नही रखती है, यह किसी एक धर्म के गुणगान नहीं गाती है, सारा जगत मुक्त मन से इसका अभ्यास कर सकता है और इसके दिव्य दिग्दर्शन से अपने भविष्य को सुखी एवं समृद्ध बना सकता है। इसी अभिलाषा के साथ किया हुआ यह प्रकाशन सार्थक हो ऐसी शुभकामना। प.पू.वद्विद्वर्य गणिवर्य श्री यशोविजयजी महाराजने महती उदारता से इस प्रबंध का संशोधन किया, अतः हम उनके आभारी है। मूल कृतिका संशोधन निम्नलिखित हस्तादर्शो के द्वारा किया गया है। क - भांडारकर इन्स्टीट्युट - पूणे - ताडपत्री नं.६७ .. ... . f el काबाट विसालाबाधामविजिनामा दशाशनानाशाखधाममहताकोणातानियबनाएETAN बाराणायायावसावक्षमताकाइनो रायसवगुणानामछुमछानायनपकालसामाMaul Rधामावासयतातरूपमायाराम समसमदलतामानातवायश्वासावरता। पालामामासाशिवालवाधिकारयामासानदाशिका मेसिमानारायदेशिनगाडाताजी २० मनमायोतर्जगतसितियामागतातोनियांना नतिरक्कमृतकुडगारवाददातमधयमुनिडिसीमा तातरीमतियासततिरादित्यवीपरेतापमान खिदिममचिपकारुणावतागोतात ख - श्री जैन आत्मानंद सभा - भावनगर, प्रत नं.१०२ तिशयवादशस्वीभिरखनःश्यले २ानावरल्यादेशितसत्पथसारखावेतसाव्याशुजटांतिमाहं नैदान्यख्यामा वगतियथावाचीन्ययासुर्विपरीतयायययमपितमुडाक्वनीयशादासत्वानुकंयासकलपतिसमानिजाताओ नमहोछातिसतासनतवमिवाध्यायथायरलोकमुष्याणिवाारखादित्वानपतासयेता विष्णरनुज्ञामलिने पदारस्वकृत्वदावारुटियौनसतियाभदासविकिलायवर्गमर्शपुरस्कृन्यतयाघवातावरेवतुव्याकुलविल पिरखांडनिगमतालघुत्रागात्मताकोययशनिसानामानोन्नतिखीहतमानसानातमोजनानास्पतियोगिनी वछत्यकनकादितमानावादाशवाजकाविनाध्यक्षोभेमुगाणितयांसितष्ठायापुनलेवावमूविना शनकायिधुम्मोविनितावादग्धावानामाशाखाममदतीरूपी तानियननवासातवगुएकमाव्याश्ताख मितिकोन्यायोग्य रसवाएशिवक्तुसंस्कानयनव्यक्तानावदितगणनानिर्दिर्शकमेटीवशातिनिरुयमयोगसिइसे नम्बरलतमारिनिर्नयघुवीरदिवासुसुरपुरुतरतानासततविशिरशिवाधिकारधाम स्तुतिकाविडिकायचमी समाता॥ ०४ानमायशिक्षितर्पमितीजनोविजयामिछतिक्तमयत नवतरक्षयामेवगीर्यजगतार्किक्नदेनिया वापुरातनमोनियतानियताव्यवसितिस्तथैवसापिरिचिव्यसन्स्यतितरतिवक्तंमतरुट्गोरखाददनज़ाall रायतविहिवाशनल्दिदेसमाईन्यदारुविनाव्यतेनिनजरथनांतरेअधित्यमेतनिधितव्यश्वयन परमन्यदाकयागशाषकारिखतययरस्पर विरोधसज्ञाकक्षमाशुनियाधिोवसिझानियमदनेतिवापरता. मजलदाडच्ने माननीयमन्यस्यमसःपुरतमेपुरातनैरवसमोनधिष्यतिपुरातनेक्षित्यनवरितेपक पुरातनाशान्यया शयरीचटौतायविनिमयनैतियथायाजसातमातआनिशिवबसीदतिअवैध्यतावश्गुरवीडमध्यभारतियallPage Navigation
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