Book Title: Shrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 38
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 36 ... श्रुतसागर मे-जून-२०१५ ठरे छे अने एने ए केवी रीते विकसावे छे एनु समांतर अवलोकन करवु रसप्रद थई पडे पण प्रतिनिधिरूप कृतिओ प्रगट न थई होय त्यां सुधी आq अवलोकन अधूरु ज रहे तेथी आपणे अहीं नामे एक ज काव्यप्रकारनी, पण रचनानुं विलक्षण वैविध्य दर्शावती त्रण ज कृतिओनुं तुलनात्मक निरीक्षण करीशु ए त्रण कृतिओ छे. १. जिनपद्मसूरिकृत स्थूलिभद्र फागु (सं. १३९०-१४००), २. जयवंतसूरिकृत स्थूलिभद्रकोशा प्रेमविलास फाग (स. १६१४ आसपास), ३. मालदेवकृत स्थूलिभद्र फाग (विक्रमना १७मा शतकनो पूर्वार्ध) (३) फागुने आपणे वृत्तान्तनो स्वल्प आधार लई प्रकृतिनी-खास करीने वसंतऋतुनीभूमिकामां मानवप्रणयनु आलेखन करनार काव्यप्रकार कही शकीए. आ व्याख्यामां न आवी शके एवी 'फागु' नामनी संख्याध कृतिओ मळती होवा छता, शिष्ट नमूनारूप फागुकाव्योर्नु आंतरस्वरूप आ व्याख्यानी नीकटनुं होय छे एम जरूर कही शकाय. जैन फागुओ, आ व्याख्यानी अंदर रहीने के बहार जईने पण, केटलीक आगवी लाक्षणिकताओ उपजावे छे ए नोंघवा जेवी छे एक तो, जैन फागुओनो अंतिम उद्देश, एमां रतिनुं आलेखन केटलीकवार तो घेरा रंगे थतु होवा छता, आपणने विरति तरफ लइ जवानो होय छे. आथी जैन फागुओ शुद्ध शृंगारकाव्यो बनी शकता नथी. काव्यनो विषय के एमांनी घटना ज संयमधर्मनी बोधक होय छे, __जेम अहीं स्थलिभद्रन चरित्र संयमधर्मन बोधक छे छतां जिनपद्मसूरि जेवा स्थूलिभद्रना कामविजयनी संक्षेपमा प्रशस्ति करी, के एने मुखे संयमधर्मनो महिमा प्रगट करी अटकी जाय छे, त्यारे मालदेव जेवा नारीसंगति टाळो' एवो सीधो उपदेश आपवा सुधी पण पहोंची जाय छे तो वळी जयवंतसूरि जेवा आ बाबतमा अत्यंत नोंधपात्र रीते जुदा तरी आवे छे एमनु काव्य स्थूलिभद्र-कोशाना मिलन आगळ अटकी जाय छे एटले कामविजय दर्शाववा सुधी तो ए पहोंच्या ज नथी. आखं काव्य कोशाना विरहोद्गार रूपे होई त्यां पण वैराग्यबोधने अवकाश १. नणे काव्यो 'प्राचीन फागु संग्रह (संपा. डॉ. भोगीलाल सांडेसरा अने सोमाभाई पारेख)मां क्रमांक (१), (२६), (२८) थी छपायेला छे. अहीं ए संपादननो ज, पाठांतरो साथे, उपयोग कर्यो छे. अनुवाद क्यांक मुक्त पण कर्यो छे.) For Private and Personal Use Only

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