Book Title: Shrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कंसारीमंडन पार्श्व जिन स्तुति किरीटभाई के. शाह थोयना जोडा तरीके प्रसिद्ध ऐवी स्तुति प्रकारने अभिव्यक्त करती कंसारीमंडन पार्श्वजिन स्तुति अत्रे प्रकाशित करी छे. दरेक गाथामां थयेलो विशालसोमसूरिजीनो नामोल्लेख कविना समर्पणभावनी साक्षी पूरे छे. थोयना स्वरूपनी जेम आ कृतिनी पहेली गाथामां कंसारीपार्श्वनाथ परमात्मानीस्तवना, बीजी गाथामांजिनेश्वर परमात्माने वंदना, लीजी गाथामां श्रुतज्ञाननी महत्ता अने चोथी गाथामां शासनाधिष्ठायक देवदेवीने प्रार्थना अने कर्तानो नामोल्लेख जेवो क्रम आ कृतिमां जोवा मळे छे. आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर कोबामां प्रत क्रमांक ८१३७१ उपर आ कृतिनी हस्तप्रत संग्रहीत छे. मदमदनगंजन भीडिभंजन पास जिन जयकार, कंसारीमंडन दुरितखंडन नमुंवारोवार । अश्वसेननंदन विश्वनंदन जयु जग आधार, तपगच्छनायक नमइ अनुदिनथी श्रीविशालसोम गणधार ॥१॥ त्रिहं भुवनि जिनवर नमित सुरनर प्रवर महिम निवास, जे भजइ प्राणी भाव आणी ते लहइ सुखवास । अतीत अनागत वर्तमानह त्रणि चउवीसी जेह, श्रीविशालसोमसूरिंद गछपति भावि वंदइ तेह ॥२॥ भगवंत भाखइ अरथ सुंदर रचइ गणधर सार, अग्यार अंग उपांग छेदह मूल सूत्र उदार । पइन्नादिक विविध आगम सुणइ जे नारनारि, श्रीविशालसोमसूरिंद सदगुरु लहइ सुख संसारि ॥३॥ धरणिंद पद्मावती देवी पाय पूजइ जास, वैरुट्य माता विघनचूरइ भगत पूरइ आस | गच्छाधिराज विशालसोमसूरि धरइ जेहनुं ध्यान, अतिघणइ ऊलटि राजरतह वाचक करइ गुणगान ॥४॥ For Private and Personal Use Only

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