Book Title: Shrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 66
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रुतसागर 64 10वीं सदी से 20वीं सदी पर्यन्त हस्तप्रों में प्रयुक्त संयुक्ताक्षर क् क का क्खखक का रक च्छ से ग्गज ग्रा घग्घग्घ चचच ह ज्ज जी हा ज्ञ ज्ज ६ ज्झ ज्जज्ज्ञ ब्र नद्य ज्ञ ज्ञज्ञज्ञ ञ्च च who fat tus & mc nuw hor न त्य कल37 ६ ६ द्ध हड् प् प्फ व्व. ल 224 ट्य ट्या त्यत्यय द्य द्य ध्यायस्या न्य न्य न्य भ्य त्या म्य म् र्य ह्य क्र एस ए H च्छव त्स्य स्य क्त्रन क्त्र ल्ब ल्लू त्व ख एव इव स्त्व सूत्र झु उन न एक यू रक न न न नूनू नू न สี่ สี่ प्र प्र www.kobatirth.org सभ म्स स व्य य्य ल्ल लहर व्वव क्य का का क्य व्य हा व्य ज्य राज्य 05 ray Ek fo EN श्न श्र Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पद ए एह म्ह म्ह व स्व झु स्व क् दल ब्ल ब्ल ह्न नह्न क्वा क्ष कू दा दक्ष क ज्व ज्ञ. ज्ञ ज्व ज्व ष्यम द व ६ ह्र स्य सु स्व स्घ मे - जून - २०१५ LC For Private and Personal Use Only त्क के कि त्ख व त्स स तक्त न्त त्र पू स स प्र त्म ब्द ६ ६ ० ॥ ॥ व ६०३ * ठगबा

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