Book Title: Shrutsagar 2015 05 06 Volume 01 12 13
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 70
________________ For Private and Personal Use Only मरवावी व वेंकऊंची नामानमहिनामुचितजावान बीयासपी होतीय प्रणामपवगरगावो न दिजनरीदेवदारितेोजी तिरमल शतमकी देक विनायकीहोजीयममावाज मध्यमपेयातायातबंदोजी फरतावादाहरदीवा नए पीलीयारम योना वनवेगाव सपए चारममपचिऊबारहोजी०सीशाला या तीवमलाजीने वेदहरामा निजा स० शा देवविमान संदीप फस्दरक सरकवताहारण तरामवतीरे नाना बनवानानोनीतीरे देशी दवेतदददगथीनीसरिर बारीवादिरावलाल विदाएकचाकी मेरे दरबारीथ) जावला ॥शालतीरथनेनारे। आरुणी माजावर सामावानोलान यगथि saraswat मणीशानामामादोलान २ परथारएकमावीदिशेर भोटोभोदनगारोल) पात्रता मुखनाक्षीलाल पावमिचघालतारे विपये चीमालीजाला) दीमेदवलारपुरे पेसऽप्रेमेंनेमादवान वारए कमावी|दीशेरे ति निदानमेजानन जावितानचटकनाकवर त्याकालाबा यासाठतोरे पत्र २ नानारूपाला चडीजेवाल मूलयनृमादाराजजीरे सवनानधनमी जेजाला अचपासपतिमा किमान उसरौलाल ऊपर से चतुर्थ पंक्ति में जोडने हेतु मार्जिन हाँसिया में उसी पंक्ति के समक्ष प्रदर्शित पाठ तथा नीचे से ऊपर की ओर पाँचवी पंक्ति में जोडने हेतु पाठ के अन्त में ३ संख्या लिखकर प्रदर्शित पाठ श्रुतसागर 68 मे - जून २०१५ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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