Book Title: Shatkhandagama Pustak 16
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 301
________________ १३ ) परिशिष्ट अनस्तिकाय ९-१६८ ६-२२१,२२२,२२९,२४८, | अनुपशान्त १६-२७६ अनाकारोपयोग ४-३९१; २५२,८-४; १०-२८० अनुप्रेक्षण १४-९ ६-२०७; १३-२०७ अनिवृत्तिकरण उपशामक ७-५ | अनुप्रेक्षणा९-२६३; १३-२०३ अनागत (काल) ३-२९ | अनिवृत्तिकरण क्षपक ७-५ | अनुभाग ७-६३ ; १२-९१; अनागतप्रस्थ ३-२९ अनिवत्तिकरण विशुद्धि-२१४ | १३-२४३, २४९ अनागमद्रव्य नारक ७-३० अनिवत्ति क्षपक ६-३३६ / अनुभागकाण्डक ६-२२२॥ अनात्मभावभूत ५-१८५ | अनिवृत्तिबादरसाम्पराय १२-३२ अनात्मस्वरूप ५-२२५ १-१८४ | अनुभागकाण्डकघात ६-२०६ अनादि ४-४३६ | अनिःसरणात्मक १४-३२८ अनुभागकाण्डकोत्कीरण द्धा अनादि अपर्यवसितबन्ध ७-५ | अनिःसृत ९-१५२ ६-२२८ अनादिक ८-८ अनिःसृत अवग्रह ६.२० | नभागघात ६-२३०,२६४ अनादिक नामप्रकुति १६-४०४ | अनिःसृत प्रत्यय १३-२३७ | अनुभागदीर्घ १६-५०९ अनादिकशरीरबन्ध १४-४ ७-७ | अनुभागबंध ६-१९८,२००, अनादिक सिद्धान्तपद ९-१३८ | अनुकृष्टि ४-३५५; ६-२१६, ८-२ अनादि पारिणामिक ५-२२५ ११-३४९ | अनुभागबधास्थान १२-२०४ अनादि मिथ्यादृष्टि ४-३३५. अनुक्त अवग्रह ६-२० | अनुभागबंधाध्यवसायस्थान ६-२३१ | अनुक्त प्रत्यय ९-१५४ ६-२००; १२-२०४ अनादि बादरसाम्परायिक ७-५ | अनुगम ३-८; ४-९, ३२२; | अनुभागमोक्ष १६-३३८ विपरिणामना अनादिसत्कर्मनामकर्म १६-३७३ ९-१४२, १६२ अनादि सत्कमिक नामप्रकृति | अनुगामी ६-४९९; १३-२९२, १६-२८२ १६-३९९ २९४ अनुभागवेदक अनादि सत्कर्मिक प्रकृति ६-२१३ अनुग्रहण १४-२२८ अनुभागसत्कर्म १६-५२८ १६-४४१ | अनुच्छेद १४-४३६ अनुभागसत्कर्मिक ६-२०९ अनादि सपर्यवसित बन्ध ७-५ | अनुत्तर १३-२८०,२८३,३१९ अनुभागसत्त्वस्थान १२-११२ अनादि सिद्धान्तपद १-७६ अनुत्तर विमान ४-२३६,३८६ अनुभागसंक्रम १२-२३२, अनादेय ६-६५; ८-९ | अनुत्तर विमानवासी ९-३३ १६-३७५ अनादेय नाम १३-३६३,३१ रौपपादिकदशा १-१०३ अनुभागह,स्व १६-५११ अनावजितक १६-१८९, अनुत्तरौपपादिकदशांग९-२०२ अनुमान ६-१५१ अनावृष्टि १३-३३२,३३६ | अनुत्पादानुच्छेद १२-४५८, अनुमानित गति १६-५३७ अनाहार १-१५३,७-७,११३ ४९४ अनुयोग ६-२४; १२-४८० अनाहारक ४-४८७;८-३९१ | अनुदयोपशम ५-२०७ अनुयोगद्वार १३-२,२३६,२६९ अनिकाचित १६-५७६ | अनुदिशविमान ४-८१, १३६, | अनुयोगद्वार श्रुतज्ञान १३-१६९ अनिधत्त १६-५७६ २४०, ३८६ | अनुयोगद्वार समास १३-२७० अनिन्द्रिय १-२९४;८-६८,६९ अनुदीर्णोपशामना १६-२७५ | अनुयोगद्वार समासावरणीय अनिवृत्ति १-१८४ | अनुपयुक्त १३-२०४ १३-२६१ अनिवृत्तिकरण ४-३३५,३५७; । अनुपयोग १३-२०४ | अनुयोगद्वारावरणीय १३-२६१ | अनुभागवृद्धि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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